केंद्रीय सूचना आयोग ने शहरी विकास मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि वह राजनीतिक दलों को आवंटित की गई भूमि और बंगलों से जुड़े सभी रिकॉर्डों को सार्वजनिक करे और इनसे जुड़ी जानकारियों को अपनी वेबसाइट पर डाले।
आयोग ने मंत्रालय को यह भी आदेश दिए कि वह राजद के मुख्यालय का नाम 'राबड़ी भवन' करने से संबंधित सवालों को लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजनीतिक दल के पास भेज दे।
सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने बताया, 'आयोग केंद्रीय जन सूचना अधिकारी को निर्देश देता है कि वह सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों के सभी दस्तावेजों, पत्राचारों, दिशानिर्देशों और सर्कुलरों को यह आदेश मिलने के चार सप्ताह के भीतर संबंधित प्राधिकरण (शहरी विकास मंत्रालय) की वेबसाइट पर डाले और आयोग को इसकी जानकारी दी जाए।'
आयुक्त ने निर्देश दिए कि इस आदेश को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के पास भी भेजा जाए। यह मामला दरअसल कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल द्वारा उठाए गए सवालों से जुड़ा है। अग्रवाल मंत्रालय से राउस एवेन्यू स्थित राष्ट्रीय जनता दल के मुख्यालय का नाम 'राबड़ी भवन' किए जाने के बारे में जानना चाहते थे। इस पर पार्टी के नेता नवल किशोर राय ने भी आपत्ति जताई थी।
अग्रवाल ने इस सूचना के लिए पहले पार्टी से संपर्क किया था लेकिन जब पार्टी ने उन्हें जानकारी नहीं दी तो उन्होंने मंत्रालय से संपर्क किया क्योंकि उसके पास भी यह सूचना मौजूद थी।
मंत्रालय ने कहा कि इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जो यह दर्शाता हो कि राय ने इस मुद्दे पर कोई आपत्ति जताई थी। अग्रवाल बिहार सरकार द्वारा राजद को पटना या किसी अन्य राज्य में आवंटन या पट्टे पर दी गई जमीन के बारे में भी मंत्रालय से जानना चाहते थे।
मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा था कि 'राजद को नई दिल्ली में कोई भी आवास उपलब्ध नहीं करवाया गया है।' आयुक्त ने कहा कि पटना में भू-आवंटन से जुड़े सवाल को जवाब देने के लिए बिहार सरकार के पास भेजा जा सकता है जबकि राजद मुख्यालय के नामकरण के मुद्दे को पार्टी के पास भेजा जाना चाहिए।
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