बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पहले टीडीपी अलग हुई, फिर शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव पर साथ छोड़ा, जेडीयू ने सीटों के बंटवारे पर आंखें दिखाईं और अब बीजेपी का एक और सहयोगी दल LJP मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है. लोजपा ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो अगले महीने उनकी पार्टी (LJP) दलित संगठनों के साथ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
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चिराग पासवान ने NDTV से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ट जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने एससी/एसटी एक्ट को कमजोर किया है और सरकार ने उनको रिवार्ड देते हुए एनजीटी का चेयरमैन बनाया. हम मांग करते हैं कि जस्टिस गोयल को एनजीटी चेयरमैन पोस्ट से तत्काल हटाया जाय और ऑर्डिनेंस लाकर सरकार ऑरिजनल एससी/एसटी एक्ट को रिस्टोर करें. अगर हमारी मांग 9 अगस्त तक सरकार नहीं मानती है तो एलजेपी (लोजपा) की दलित सेना दूसरे दलित संगठनों के साथ सरकार के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा ले सकती है.
उन्होंने कहा कि एनडीए को हमारा समर्थन मुद्दों पर है. हम टीडीपी की तरह अलग नहीं होंगे. हम सरकार का हिस्सा बने रहकर दलितों का मुद्दा उठाएंगे. हमारे सब्र का बांध टूट रहा है. उम्मीद है पीएम हमारी मांग पर कार्रवाई करेंगे.
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बता दें कि रिटायर्ड जस्टिस एके गोयल सुप्रीम कोर्ट की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून में सुरक्षा के कई ऐसे उपाय किए थे, जिनकी कई दलित संगठनों और प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने आलोचना की थी. उन्होंने कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया था.
VIDEO: मोदी सरकार को LJP का अल्टीमेटम
चिराग पासवान ने मांग कि गोयल को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के वास्तविक प्रावधानों को बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने चेताया कि 9 अगस्त को दलित संगठनों द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन दो अप्रैल के 'भारत बंद' से भी ज्यादा 'आक्रोशित और अधिक तीव्र' हो सकता है, क्योंकि दलितों का मानना है कि उनका संरक्षण करने वाले कानून को जिस न्यायाधीश ने प्रभावहीन किया है उन्हें पुरस्कृत किया गया है.
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We wanted centre to bring an ordinance about SC/ST Act. But it couldn't be done now so we've asked centre to reintroduce it as a bill in the Parliament on Aug 7 & restore the previous law, as Dalit protests on Aug 9 could be more aggressive than April 2 protests:Chirag Paswan,LJP pic.twitter.com/2NvnW2p2KQ
— ANI (@ANI) July 27, 2018
चिराग पासवान ने NDTV से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ट जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने एससी/एसटी एक्ट को कमजोर किया है और सरकार ने उनको रिवार्ड देते हुए एनजीटी का चेयरमैन बनाया. हम मांग करते हैं कि जस्टिस गोयल को एनजीटी चेयरमैन पोस्ट से तत्काल हटाया जाय और ऑर्डिनेंस लाकर सरकार ऑरिजनल एससी/एसटी एक्ट को रिस्टोर करें. अगर हमारी मांग 9 अगस्त तक सरकार नहीं मानती है तो एलजेपी (लोजपा) की दलित सेना दूसरे दलित संगठनों के साथ सरकार के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा ले सकती है.
उन्होंने कहा कि एनडीए को हमारा समर्थन मुद्दों पर है. हम टीडीपी की तरह अलग नहीं होंगे. हम सरकार का हिस्सा बने रहकर दलितों का मुद्दा उठाएंगे. हमारे सब्र का बांध टूट रहा है. उम्मीद है पीएम हमारी मांग पर कार्रवाई करेंगे.
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बता दें कि रिटायर्ड जस्टिस एके गोयल सुप्रीम कोर्ट की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून में सुरक्षा के कई ऐसे उपाय किए थे, जिनकी कई दलित संगठनों और प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने आलोचना की थी. उन्होंने कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया था.
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चिराग पासवान ने मांग कि गोयल को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के वास्तविक प्रावधानों को बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने चेताया कि 9 अगस्त को दलित संगठनों द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन दो अप्रैल के 'भारत बंद' से भी ज्यादा 'आक्रोशित और अधिक तीव्र' हो सकता है, क्योंकि दलितों का मानना है कि उनका संरक्षण करने वाले कानून को जिस न्यायाधीश ने प्रभावहीन किया है उन्हें पुरस्कृत किया गया है.
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