यह ख़बर 06 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सीमा पर चीन का ढांचा हमसे बहुत उन्नत : एंटनी

एके एंटोनी का फाइल फोटो।

खास बातें

  • रक्षा मंत्री एके एंटनी ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि चीन ने न तो किसी नए भारतीय भूभाग पर कब्जा किया है और न ही भारतीय सैनिकों को अपने किसी भूभाग पर पहुंचने से रोका है।
नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री एके एंटनी ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि चीन ने न तो किसी नए भारतीय भूभाग पर कब्जा किया है और न ही भारतीय सैनिकों को अपने किसी भूभाग पर पहुंचने से रोका है। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया चीन ने सीमावर्ती इलाकों में बेहतरीन बुनियादी ढांचा खड़ा कर लिया है और यह 'चूक' सभी को मानना चाहिए।

एंटनी ने राज्यसभा में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद (एनएसएबी) के अध्यक्ष श्याम सरन की लद्दाख में बुनियादी ढांचा पर रिपोर्ट को लेकर अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि भारत ने वर्षों तक लापरवाही बरतने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ बुनियादी ढांचा खड़ा करना शुरू किया है।

मंत्री ने कहा कि पूर्व में एक नीति थी कि सीमावर्ती इलाकों को विकसित नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि चीन के साथ रिश्ते सुधारने और सीमा समस्या का समाधान तलाशने का प्रयत्न करते हुए सरकार सीमा पर क्षमता मजबूत करने में भी जुटी है।

एंटनी ने कहा कि एलएसी के साथ कई विवादित क्षेत्र हैं और और दोनों ही पक्ष अपनी मान्यताओं के हिसाब से निगरानी करते हैं। इससे पूर्व दोनों सदनों में दिए गए अपने बयान में एंटनी ने इस बात से इनकार किया कि सरन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने 640 किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।

एंटनी ने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से यह कहना चाहूंगा कि श्याम सरन ने अपनी रिपोर्ट में ऐसा नहीं लिखा है कि चीन ने किसी भारतीय भूभाग पर कब्जा किया है या भारत को किसी भी भारतीय भूभाग पर पहुंचने से रोका है।"

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पिछले महीने लद्दाख की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा रक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

पिछले दिनों मीडिया की कुछ खबरों में इस रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि चीन ने लद्दाख में एक बड़े भारतीय भूभाग पर कब्जा कर लिया है और भारतीय सेना को वहां पहुंचने नहीं दे रहा है।

एक तैयार बयान पढ़ते हुए एंटनी ने कहा, "भारतीय भूभाग के किसी भी हिस्से को चीन को सौंपने का सवाल ही नहीं है।" उन्होंने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा से जुड़े सभी घटनाक्रमों पर बराबर नजर रखे हुए है और उसे सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी उपाय किए हैं।

एंटनी ने कहा, "मैं सदन को आगे भी आश्वस्त करना चाहूंगा कि राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए सरकार सीमा पर क्षमताओं को मजबूत करती रहेगी।"

दोनों सदनों में शुक्रवार को इन खबरों पर भारी हंगामा हुआ कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। सदस्य इस विषय पर रक्षामंत्री ए.के.एंटनी के बयान की मांग कर रहे थे।

लोकसभा में 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों ने मामले को उठाते हुए कहा कि चीन भारतीय सीमा में कब्जा कर रहा है।

अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने का लगातार अनुरोध किए जाने के बावजूद सांसद चुप नहीं हुए जिसके बाद कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित की दी गई।

सदन में कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने यह मामला गुरुवार को उठाया था, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में प्रवेश को रोकने के लिए कदम उठाने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, "अगर सरकार हमारे हितों को सुरक्षित नहीं रख सकती, उन्हें सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।"

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इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "यह बेशक गंभीर मसला है, लेकिन न सरकार कमजोर है न बेकार। सरकार के पास इस मसले पर छुपाने के लिए कुछ नहीं है।"