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This Article is From Jun 18, 2016

सूखा प्रभावित महाराष्ट्र के लिए चीन ने की क्लाउड सीडिंग टेक्नीक की पेशकश

सूखा प्रभावित महाराष्ट्र के लिए चीन ने की क्लाउड सीडिंग टेक्नीक की पेशकश
इस साल मराठवाड़ा में इतिहास का सबसे भयानक सूखा पड़ा (फाइल फोटो)
बीजिंग: सूखा प्रभावित महाराष्ट्र में बारिश करा सकने वाली तकनीक ‘क्लाउड सीडिंग’ उपलब्ध कराने को लेकर चीन लगातार भारत से बात कर रहा है। मौसम विभाग के स्थानीय कर्मचारियों को भी इस तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बीजिंग, शंघाई और चीन के पूर्वी अन्हुई प्रांत के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों के एक दल ने महाराष्ट्र की हालिया यात्रा के दौरान सहयोग की पेशकश की। महाराष्ट्र पिछले दो साल से भारी सूखे का सामना कर रहा है।

चीन कई वर्षों से क्लाउड सीडिंग रॉकेटों का इस्तेमाल करता रहा है, जिसमें बारिश कराने वाला सिल्वर आयोडाइड मौजूद रहता है। बारिश के लिए इन रॉकेटों को बादलों की जरूरत होती है।

अखबार चाइना डेली ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि यदि चर्चा सफल रहती है तो चीनी विशेषज्ञ भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों को आधुनिक क्लाउड सीडिंग तकनीक से जुड़ी ट्रेनिंग उपलब्ध कराएंगे। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जरूरत पड़ने पर वर्ष 2017 की गर्मियों में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बारिश कराने का होगा।

मई की शुरूआत में शंघाई के शीर्ष अधिकारी हान झेंग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मुंबई में बैठक हुई थी। अखबार में कहा गया कि हान ने फडणवीस से पूछा था कि क्या चीन महाराष्ट्र में सूखे से राहत के लिए कुछ कर सकता है? चीन ने वर्ष 1958 में क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया था और आज उसके पास दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणालियों में से एक प्रणाली है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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