कश्मीर (Kashmir) पर चीन (China के बयान को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने अनाधिकृत तरीके से कश्मीर में भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा कर रखा है. इतना ही नहीं, बल्कि तथाकथित CPEC को लेकर भी भारत अपनी चिन्ता को जाहिर करता रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है, हम अन्य देशों से भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की उम्मीद करते हैं.
Raveesh Kumar, Ministry of External Affairs: We do not expect other countries, including China to comment on the matters which are internal to India, just as India refrains from commenting on internal issues of other countries. UTs of J-K, & Ladakh are integral part of India. https://t.co/SvOmw2bcGa
— ANI (@ANI) October 31, 2019
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मामले पर भारत पहले ही अपना स्टैंड साफ कर चुका है. इसलिए चीन या फिर किसी दूसरे देश को इस मुद्दे पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है. हम अन्य देशों से ऐसी अपेक्षा नहीं करते हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है. बता दें कि इससे पहले चीन ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के कदम पर आपत्ति जताई थी और इसे 'गैर कानूनी और अमान्य' बताया था. भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का पांच अगस्त को निर्णय लिया था.
इसी निर्णय के अनुसार गुरुवार को जम्मू कश्मीर का दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटवारा हो गया. चीन ने इससे पहले आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में गठन को लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इसमें कुछ चीनी क्षेत्र भी शामिल हैं.
(इनपुट: भाषा से भी)
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