जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष शरद यादव ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयानों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मांझी का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है।
झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए जाने के क्रम में यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए शरद ने कहा कि वे (मांझी) जिस तबके से आते हैं, उसकी अपनी पीड़ा है। उसी को कई बार वह बयान कर देते हैं।
अपने बयानों के कारण आलोचना झेल रहे मांझी का बचाव करते हुए यादव ने कहा कि मांझी के बयानों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके बयानों को पार्टी लाइन से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को संयमित और सोच समझकर बयान देना चाहिए। बयान से समाज के किसी भी तबके की भावना आहत नहीं होनी चाहिए।
इसके पूर्व बुधवार को शरद ने पटना में मांझी के केन्द्रीय मंत्रियों के बिहार में नहीं घुसने देने की चेतावनी के विषय में कहा था कि देश में किसी को कहीं भी आने-जाने से कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह कोई मंत्री हो या आम आदमी।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को मांझी ने पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि बिहार के सात सांसद (सातभैया) केन्द्र में मंत्री बने हैं। इन सभी लोगों से उन्होंने बिहार के विकास के लिए मदद का निवेदन किया है। अगर ये सातभैया बिहार के विकास में मदद नहीं करते हैं तो उन्हें बिहार में घुसने नहीं देंगे। वे सभी दिल्ली में ही रहें।
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