केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि सोना तस्करी मामले में गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बचाया नहीं जाएगा. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है और उसे इस मामले में दो मुख्य आरोपियों की हिरासत मिली है. मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि मामले में आरोपियों के उनके कार्यालय से संबंध हैं, वे लोग खुद ही चिंतित हैं क्योंकि उन्हें संदेह है कि जांच ''बड़ी मछलियों'' तक भी पहुंचेगी.
इस बीच, जांच एजेंसी के आवेदन पर विचार करते हुए कोच्चि की विशेष अदालत ने सोमवार को सोना तस्करी मामले के दो मुख्य आरोपियों स्वप्ना सुरेश और संदीप नैयर को आठ दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया. दोनों को शनिवार को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया था. एनआईए दोनों को रविवार को यहां लेकर आई और अदालत के समक्ष पेश किया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. दोनों पर आरोप है कि वे राजनयिक चैनल का इस्तेमाल कर 30 किलोग्राम से अधिक सोने की तिरूवनंतपुरम हवाई अड्डे के जरिये तस्करी करने का प्रयास कर रहे थे.
वहीं, कांग्रेस नीत यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने राज्य की वाम मोर्चे वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय किया है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से इस्तीफे की मांग करते हुए यूडीएफ ने आरोप लगाया है कि हाल में राजनयिक सामान के जरिये हुई सोने की तस्करी के तार मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं. यूडीएफ के संयोजक बेनी बेहनान ने कहा कि यूडीएफ ने विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन के खिलाफ भी प्रस्ताव आगे बढ़ाने और उनका इस्तीफा मांगने का निर्णय लिया है.
बेहनन ने कहा, ‘ ‘आज यूडीएफ की बैठक में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया गया है. यूडीएफ ने यह काम सदन में विपक्ष के कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला को सौंपा है.''उन्होंने कहा कि अध्यक्ष का कथित संबध तस्करी से जुड़े एक आरोपी से है और इसलिए उन्हें पद से हटने की जरूरत है. यूडीएफ संयोजक ने कहा कि वह मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगते हुए अपना विरोध जारी रखेंगे. आरोपी को बचाने का प्रयास अब प्रत्यक्ष तौर पर सामने आ गया है. पूर्व आईटी सचिव जो कि मुख्यमंत्री के सचिव भी रह चुके हैं, उनका एक आरोपी के साथ संपर्क होने का मामला अब बिल्कुल स्पष्ट है.
उधर, विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआईए ने जांच शुरू कर दी है.विजयन ने कहा, ''एक मजबूत जांच जारी है. इस मामले में लिप्त बड़ी मछलियों की पहचान हो जाने दीजिए और राज्य सरकार किसी भी गलत करने वाले को नहीं बचाएगी.''उन्होंने कहा कि एनआईए मुख्यमंत्री कार्यालय समेत किसी को भी जांच के दायरे में ले सकती है. विजयन ने कहा, ''अगर जांच मेरे कार्यालय तक आती है तो उन्हें जांच करने दीजिए. मुझे कोई चिंता नहीं है लेकिन कुछ लोग वास्तव में जांच को लेकर चिंतित हैं और जांच का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं.''
मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ आरोपियों के संबंध होने के आरोपों को भी खारिज किया और कहा कि अध्यक्ष को बेवजह पूरे मामले में घसीटा जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि शिवशंकर के भी आरोपी महिला से कभी कोई कथित संबंध नहीं रहे. वहीं, मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और प्राइस वाटर हाउस कूपर्स समेत दो कंपनियों पर सोमवार को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में केरल पुलिस ने मामला दर्ज किया.
आरोप है कि सुरेश ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में नौकरी पाने के लिए फर्जी अकादमिक डिग्री का इस्तेमाल किया था.
पुलिस ने कहा कि सुरेश द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों की जांच करने की जिम्मेदारी कंसल्टिंग एजेंसी प्राइस वाटर हाउस कूपर्स और विजन टेक्नोलॉजी पर थी. उन्होंने कहा कि मामले में इन दोनों कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है. सुरेश पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र स्थित डॉ बाबासाहेब आंबेडकर विश्वविद्यालय की बी कॉम की फर्जी डिग्री के इस्तेमाल से सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में नौकरी पाई थी.
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