जम्मू:
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को कहा कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) जैसे ही गृह मंत्रालय के संशोधनों पर फैसला लेगी वैसे ही सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) पर घोषणा की जाएगी।
जम्मू एवं कश्मीर के एकदिवसीय दौरे पर आए चिदम्बरम ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एएफएसपीए में तीन संशोधनों का प्रस्ताव रखा है और वे सीसीएस के विचाराधीन हैं।
चिदम्बरम ने मंगलवार को सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए हुई एक उच्च स्तरीय वार्ता के बाद कहा, "जैसे ही कोई फैसला लिया जाएगा, घोषणा कर दी जाएगी।"
बैठक की अध्यक्षता चिदम्बरम ने की, जिसमें प्रशासनिक, पुलिस, अर्द्धसैनिक बल, खुफिया और सैन्य अधिकारी उपस्थित हुए। बैठक में 2011 की शांति को कायम रखने, वार्ताकारों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और सुरक्षा व्यवस्था से सम्बंधित चर्चा हुई।
इससे पहले, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चिदम्बरम से राज्य से एएफएसपीए हटाने की मांग की थी।
आधिकारिक सूत्र के मुताबिक अब्दुल्ला ने एएफएसपीए हटाने की प्रक्रिया उन स्थानों से शुरू करने की जोरदार वकालत की, जहां शांति कायम है और सेना का उपयोग नहीं रह गया है। उन्होंने जम्मू क्षेत्र के जम्मू, साम्बा और कठुआ तथा कश्मीर घाटी क्षेत्र के श्रीनगर तथा बडगांव जैसे जिलों से एएफएसपीए हटाने की मांग की, जो राज्य में सशस्त्र बल को विशेष अधिकार देता है।
सूत्र के मुताबिक इस बैठक में ऐसे ग्राफ प्रस्तुत किए गए जिन से 2010 के बाद कुछ क्षेत्रों में उग्रवाद में कमी का संकेत मिलता है।
सेना का हालांकि मानना है कि स्थिति अब भी गम्भीर है। राज्य सरकार ने गर्मी के मौसम में कश्मीर घाटी में और सुरक्षा बंकरों को भी हटाने का समर्थन किया।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1990 से अब तक राज्य में 1,600 सुरक्षा बंकर बनाए गए हैं। इनमें से 80 बंकर पिछले साल हटाए गए, जिनमें से अधिकतर श्रीनगर में हैं। इस वर्ष 25 और बंकरों को हटाने की योजना है।
सूत्र के मुताबिक अब्दुल्ला ने बैठक में यह भी कहा कि वार्ताकारों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और उनकी सिफारिशों को लागू किया जाए, यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो ऐसी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता समाप्त हो जाएगी।
चिदम्बरम ने दिनभर की यात्रा के दौरान वैष्णो देवी मंदिर में माता के दर्शन भी किए।
चिदम्बरम ने यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर त्रिकुटा पहाड़ों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर के लिए यात्रा शुरू की। वह सांझी छत तक एक हेलीकॉप्टर से पहुंचे और फिर वहां से पैदल ही मंदिर पहुंचे। उनके साथ राज्यपाल एनएन वोरा भी मौजूद थे। वोरा श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। यह बोर्ड मंदिर से सम्बंधित कार्यों की देखरेख करता है।
जम्मू एवं कश्मीर के एकदिवसीय दौरे पर आए चिदम्बरम ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एएफएसपीए में तीन संशोधनों का प्रस्ताव रखा है और वे सीसीएस के विचाराधीन हैं।
चिदम्बरम ने मंगलवार को सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए हुई एक उच्च स्तरीय वार्ता के बाद कहा, "जैसे ही कोई फैसला लिया जाएगा, घोषणा कर दी जाएगी।"
बैठक की अध्यक्षता चिदम्बरम ने की, जिसमें प्रशासनिक, पुलिस, अर्द्धसैनिक बल, खुफिया और सैन्य अधिकारी उपस्थित हुए। बैठक में 2011 की शांति को कायम रखने, वार्ताकारों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और सुरक्षा व्यवस्था से सम्बंधित चर्चा हुई।
इससे पहले, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चिदम्बरम से राज्य से एएफएसपीए हटाने की मांग की थी।
आधिकारिक सूत्र के मुताबिक अब्दुल्ला ने एएफएसपीए हटाने की प्रक्रिया उन स्थानों से शुरू करने की जोरदार वकालत की, जहां शांति कायम है और सेना का उपयोग नहीं रह गया है। उन्होंने जम्मू क्षेत्र के जम्मू, साम्बा और कठुआ तथा कश्मीर घाटी क्षेत्र के श्रीनगर तथा बडगांव जैसे जिलों से एएफएसपीए हटाने की मांग की, जो राज्य में सशस्त्र बल को विशेष अधिकार देता है।
सूत्र के मुताबिक इस बैठक में ऐसे ग्राफ प्रस्तुत किए गए जिन से 2010 के बाद कुछ क्षेत्रों में उग्रवाद में कमी का संकेत मिलता है।
सेना का हालांकि मानना है कि स्थिति अब भी गम्भीर है। राज्य सरकार ने गर्मी के मौसम में कश्मीर घाटी में और सुरक्षा बंकरों को भी हटाने का समर्थन किया।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 1990 से अब तक राज्य में 1,600 सुरक्षा बंकर बनाए गए हैं। इनमें से 80 बंकर पिछले साल हटाए गए, जिनमें से अधिकतर श्रीनगर में हैं। इस वर्ष 25 और बंकरों को हटाने की योजना है।
सूत्र के मुताबिक अब्दुल्ला ने बैठक में यह भी कहा कि वार्ताकारों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और उनकी सिफारिशों को लागू किया जाए, यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो ऐसी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता समाप्त हो जाएगी।
चिदम्बरम ने दिनभर की यात्रा के दौरान वैष्णो देवी मंदिर में माता के दर्शन भी किए।
चिदम्बरम ने यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर त्रिकुटा पहाड़ों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर के लिए यात्रा शुरू की। वह सांझी छत तक एक हेलीकॉप्टर से पहुंचे और फिर वहां से पैदल ही मंदिर पहुंचे। उनके साथ राज्यपाल एनएन वोरा भी मौजूद थे। वोरा श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। यह बोर्ड मंदिर से सम्बंधित कार्यों की देखरेख करता है।
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