छत्तीसगढ़ में 2011 में नक्सली हमले में शहीद हुए एक एसपीओ के परिवार से पुलिस ने अंत्येष्टि में खर्च हुए 10 हज़ार रुपये वापस मांगे थे।
इसे लेकर एक नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन विवाद को बढ़ता देख अब इस नोटिस को वापस ले लिया गया है। नोटिस देने वाले पुलिस इंस्पेक्टर को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
दरअसल, एसपीओ 23 मई, 2011 को एसपीओ किशोर पांडेय नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। इसके बाद उनके परिवार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपये बतौर सहायता राशि दी गई थी। इस राशि के बाद पुलिस ने उस दौरान खर्च हुए 10 हज़ार रुपये वापस मांगे थे।
नोटिस के सार्वजनिक होने के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब उसे रद्द करवा दिया है। इधर राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया है। कांग्रेस ने कहा कि जिस परिवार ने अपना बेटा खोया है, उन्हें ऐसे नोटिस जारी करना शहीद का अपमान है।
कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि शहीदों का अपमान इस सरकार की आदत है। इससे पहले नक्सली हमले में शहीद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा के परिजनों को चतुर्थ श्रेणी पद में नियुक्ति देने की कोशिश की गई थी। वहीं शहीदों के शवों को कचरा गाड़ी में ढोने और वर्दी को कचरे में फेंकने की घटना हो चुकी है। (इनपुट एजेंसी से भी)
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