रायपुर:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान के तहत गुरुवार को दूसरे दिन भी राज्य के सीमावर्ती नक्सल प्रभावित इलाकों का सघन दौरा किया। प्रदेश के अंतिम छोर के सुकमा जिले के अंतर्गत ग्राम भेज्जी में उनका पहला पड़ाव था। डॉ. सिंह दंतेवाड़ा से सबेरे हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर सबसे पहले बिना किसी पूर्व सूचना के भेज्जी में उतरे। उन्होंने वहां चौपाल लगाई और ग्रामीणों से बातचीत की। एक वृद्ध महिला ने मुख्यमंत्री का स्वागत महुआ भेंटकर किया।
युवाओं से भी की मुलाकात...
डॉ. सिंह ने स्कूली बच्चों और स्थानीय युवाओं से भी मुलाकात की। आज के लोक सुराज अभियान में मुख्यमंत्री ने राज्य के इस घोर नक्सल हिंसा प्रभावित इलाके में ना सिर्फ भेज्जी से इंजरम तक 28 किलोमीटर की निमार्णाधीन सड़क का निरीक्षण किया, बल्कि मोटरसाइकिल पर बैठ कर इस रास्ते का काफी दूर तक निरीक्षण भी किया।
विभिन्न जरूरतों के बारे में ली जानकारी
मुख्यमंत्री ने भेज्जी में ग्राम सुराज की चौपाल में किसानों और ग्रामीणों से विभिन्न जरूरतों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने वहां के कुछ किसानों के खेतों में सिंचाई सुविधा की ²ष्टि से कुआं निर्माण की भी मंजूरी दी। डॉ. सिंह ने इसके अलावा किसानों के खेतों के भूमि समतलीकरण और देवगुड़ी निर्माण की मांग भी तत्काल स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने नक्सल पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया।
कई निर्माण कार्यों का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने भेज्जी से जिला मुख्यालय सुकमा पहुंचकर वहां कई निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री के हाथों इनमें से सुकमा के शासकीय जिला अस्पताल भवन, जिला पंचायत भवन और सर्किट हाउस भवन का भी लोकार्पण हुआ। उन्होंने हाईस्कूल भवन का भी भूमिपूजन और शिलान्यास किया।डॉ. सिंह ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार, ग्राम भेज्जी के अनेक सूखा प्रभावित किसानों को आगामी धान फसल की बोनी के लिए नि:शुल्क धान बीज का वितरण किया।
प्रमुख सचिव भी साथ थे
मुख्य सचिव विवेक ढांड और प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह भी उनके साथ थे। मुख्यमंत्री ने भेज्जी प्रवास के दौरान उन परिवारों से भी मुलाकात की जो पड़ोसी राज्य आन्ध्रप्रदेश से आकर भेज्जी में पुन: बस गए हैं। मुख्यमंत्री ने उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का जायजा लिया। उनकी समस्याओं के बारें में उनसे बातचीत की।
पक्का मकान बनवाने के दिए निर्देश
डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों को इन परिवारों के लिए पक्का मकान बनवाने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र के गांवों में किसानों को सिंचाई सुविधा देने सौर ऊर्जा पंप की सुविधा देने, तालाबों के गहरीकरण, कृषि भूमि के समतलीकरण और क्षेत्र के जरूरतमंद गांवों में अगले 6 महीने के भीतर बिजली पहुंचाने के निर्देश दिए।
युवाओं से भी की मुलाकात...
डॉ. सिंह ने स्कूली बच्चों और स्थानीय युवाओं से भी मुलाकात की। आज के लोक सुराज अभियान में मुख्यमंत्री ने राज्य के इस घोर नक्सल हिंसा प्रभावित इलाके में ना सिर्फ भेज्जी से इंजरम तक 28 किलोमीटर की निमार्णाधीन सड़क का निरीक्षण किया, बल्कि मोटरसाइकिल पर बैठ कर इस रास्ते का काफी दूर तक निरीक्षण भी किया।
विभिन्न जरूरतों के बारे में ली जानकारी
मुख्यमंत्री ने भेज्जी में ग्राम सुराज की चौपाल में किसानों और ग्रामीणों से विभिन्न जरूरतों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने वहां के कुछ किसानों के खेतों में सिंचाई सुविधा की ²ष्टि से कुआं निर्माण की भी मंजूरी दी। डॉ. सिंह ने इसके अलावा किसानों के खेतों के भूमि समतलीकरण और देवगुड़ी निर्माण की मांग भी तत्काल स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने नक्सल पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया।
कई निर्माण कार्यों का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने भेज्जी से जिला मुख्यालय सुकमा पहुंचकर वहां कई निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री के हाथों इनमें से सुकमा के शासकीय जिला अस्पताल भवन, जिला पंचायत भवन और सर्किट हाउस भवन का भी लोकार्पण हुआ। उन्होंने हाईस्कूल भवन का भी भूमिपूजन और शिलान्यास किया।डॉ. सिंह ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार, ग्राम भेज्जी के अनेक सूखा प्रभावित किसानों को आगामी धान फसल की बोनी के लिए नि:शुल्क धान बीज का वितरण किया।
प्रमुख सचिव भी साथ थे
मुख्य सचिव विवेक ढांड और प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह भी उनके साथ थे। मुख्यमंत्री ने भेज्जी प्रवास के दौरान उन परिवारों से भी मुलाकात की जो पड़ोसी राज्य आन्ध्रप्रदेश से आकर भेज्जी में पुन: बस गए हैं। मुख्यमंत्री ने उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का जायजा लिया। उनकी समस्याओं के बारें में उनसे बातचीत की।
पक्का मकान बनवाने के दिए निर्देश
डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों को इन परिवारों के लिए पक्का मकान बनवाने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र के गांवों में किसानों को सिंचाई सुविधा देने सौर ऊर्जा पंप की सुविधा देने, तालाबों के गहरीकरण, कृषि भूमि के समतलीकरण और क्षेत्र के जरूरतमंद गांवों में अगले 6 महीने के भीतर बिजली पहुंचाने के निर्देश दिए।
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