नई दिल्ली:
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय और अन्य सहयोगियों को भ्रष्टाचार के एक मामले में 10 वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद दिल्ली के रोहिणी न्यायालय के बाहर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के समर्थकों ने जमकर उत्पात किया।
प्रदर्शनकारियों ने न्यायालय परिसर में जबरन घुसने की काशिश की और पथराव किया व देसी बम भी फेंके।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, सुबह से ही न्यायालय के बाहर बहुत से समर्थक इकट्ठे हो गए थे और वे न्यायालय परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। कुछ देर भीड़ शांत रही, लेकिन जैसे ही सजा का ऐलान हुआ तभी प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और देसी बम फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
अधिकारी ने बताया, हमनें अदालत परिसर और उसके आसपास एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए थे। हमने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
इनेलो के अध्यक्ष चौटाला और उनके विधायक बेटे को जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी संलिप्ता के लिए 10 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है।
चौटाला वर्ष 1999-2000 में 3,200 से ज्यादा शिक्षकों की चयन सूची में गड़बड़ी करने के दोषी हैं। जब यह घोटाल हुआ उस वक्त ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। रिश्वत और भाई-भतीजावाद व पक्षपात के आधार पर शिक्षकों का चयन किया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने न्यायालय परिसर में जबरन घुसने की काशिश की और पथराव किया व देसी बम भी फेंके।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, सुबह से ही न्यायालय के बाहर बहुत से समर्थक इकट्ठे हो गए थे और वे न्यायालय परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। कुछ देर भीड़ शांत रही, लेकिन जैसे ही सजा का ऐलान हुआ तभी प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और देसी बम फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
अधिकारी ने बताया, हमनें अदालत परिसर और उसके आसपास एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए थे। हमने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
इनेलो के अध्यक्ष चौटाला और उनके विधायक बेटे को जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी संलिप्ता के लिए 10 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है।
चौटाला वर्ष 1999-2000 में 3,200 से ज्यादा शिक्षकों की चयन सूची में गड़बड़ी करने के दोषी हैं। जब यह घोटाल हुआ उस वक्त ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। रिश्वत और भाई-भतीजावाद व पक्षपात के आधार पर शिक्षकों का चयन किया गया था।
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