यह ख़बर 25 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

महिलाओं के खिलाफ त्याग दीजिए 'नकारात्मक धारणा' : राष्ट्रपति

खास बातें

  • दिल्ली में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार घटना पर गहरी हताशा जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ ‘नकारात्मक धारणाएं’ खत्म होनी चाहिए जिनके चलते उनके विरुद्ध आपराधिक हमले होते हैं।
इलाहाबाद / वाराणसी:

दिल्ली में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार घटना पर गहरी हताशा जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ ‘नकारात्मक धारणाएं’ खत्म होनी चाहिए जिनके चलते उनके विरुद्ध आपराधिक हमले होते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा एवं सौहार्दपूर्ण माहौल दिया जाना चाहिए ताकि वे राष्ट्र में योगदान दे सकें।

राष्ट्रपति ने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के नौवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही इस प्रकार की वीभत्स घटनाओं के प्रति नारजगी उचित है लेकिन हिंसा कोई सामाधान नहीं हो सकता।

मुखर्जी ने दिल्ली पुलिस के सिपाही की मौत पर भी शोक जताया जिसकी मौत रविवार को इंडिया गेट पर हुए हिंसक प्रदर्शनों में घायल हो जाने के कारण हुई। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति के प्रति सतर्क है तथा यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।

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राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं बहादुर लड़की के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। समाज के कुछ तत्वों द्वारा महिलाओं के खिलाफ पैदा की जा रही और फैलाई जा रही नकारात्मक धारणा की पृष्ठभूमि में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक हमले हो रहे हैं। इसका अंत होना चाहिए।’