पूर्व RSS कार्यकर्ता बोले- अमेरिका का चंद्रमा मिशन इसलिए सफल हुआ था, क्योंकि उन्होंने 'एकादशी' को किया था लॉन्च

भारत के चंद्रयान-2 अभियान के अंतिम क्षणों में उससे संपर्क टूटने की खबरों के मद्देनजर उनका यह बयान आया है.

पूर्व RSS कार्यकर्ता बोले- अमेरिका का चंद्रमा मिशन इसलिए सफल हुआ था, क्योंकि उन्होंने 'एकादशी' को किया था लॉन्च

हिंदूवादी नेता संभाजी भिडे.

नई दिल्ली:

अपने अटपटे बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले हिंदूवादी नेता संभाजी भिडे ने सोमवार को कहा कि अमेरिका चंद्रमा पर अपना अंतरिक्षयान भेजने की 39 वीं कोशिश में इसलिए सफल रहा था कि उसने इसे ‘एकादशी के दिन' भेजा था. भारत के चंद्रयान-2 अभियान के अंतिम क्षणों में उससे संपर्क टूटने की खबरों के मद्देनजर उनका यह बयान आया है. आरएसएस के पूर्व कार्यकर्ता भिडे ने सोलापुर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘अमेरिका ने इससे पहले 38 बार चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्षयान भेजने की कोशिश की लेकिन वह हर बार नाकाम रहा.'

उन्होंने दावा किया कि बार-बार की नाकामियों के बाद एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने भारतीय काल गणना अपनाने का सुझाव दिया था. इसका अनुपालन करते हुए अमेरिका अपनी 39 वीं कोशिश में सफल रहा. इससे पहले भिडे ने नासिक में कहा था, ‘उनके बाग का आम खाने पर कई दंपतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है.'

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वहीं, इसरो के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि ‘चंद्रयान-2' का लैंडर ‘विक्रम' चांद की सतह पर साबुत अवस्था में है और यह टूटा नहीं है. हालांकि, ‘हार्ड लैंडिंग' की वजह से यह झुक गया है तथा इससे पुन: संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. ‘विक्रम' का शनिवार को ‘सॉफ्ट लैंडिंग' के प्रयास के अंतिम क्षणों में उस समय इसरो के नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया था जब यह चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर के भीतर ‘प्रज्ञान' नाम का रोवर भी है.

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मिशन से जुड़े इसरो के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, ‘‘ऑर्बिटर के कैमरे से भेजी गईं तस्वीरों के मुताबिक यह तय जगह के बेहद नजदीक एक ‘हार्ड लैंडिंग' थी. लैंडर वहां साबुत है, उसके टुकड़े नहीं हुए हैं. वह झुकी हुई स्थिति में है.' अधिकारी ने कहा, ‘‘हम लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘यहां इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में एक टीम इस काम में जुटी है.' 'चंद्रयान-2' में एक ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं. लैंडर और रोवर की मिशन अवधि एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिनों के बराबर है.

इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को कहा था कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी लैंडर से संपर्क साधने की 14 दिन तक कोशिश करेगी. उन्होंने रविवार को लैंडर की तस्वीर मिलने के बाद यह बात एक बार फिर दोहराई.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)