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देशभर में किसानों का 'चक्का जाम', लाल किला- ITO समेत कई मेट्रो स्टेशनों के दरवाजे बंद; 10 बड़ी बातें

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. किसान संगठनों ने आज यानी शनिवार को चक्का जाम (Chakka Jam) का ऐलान किया है. किसानों के चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है.

खेती का चाहे जितना नुकसान हो हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहेंगे : किसान (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. किसान संगठनों ने आज यानी शनिवार को चक्का जाम (Chakka Jam) का ऐलान किया है. किसानों के चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद पुलिस बिल्कुल भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. दिल्ली की तीन सीमाओं- सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर- जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, पुलिस ने कई लेयर की सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है. किसान संगठनों का चक्का जाम दोपहर 12 बजे से तीन बजे चलेगा. दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश और उत्तरांखड में भी चक्का जाम नहीं होगा.

  1. किसान आंदोलन के बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्नदाताओं ने शनिवार को बाकी समूचे भारत में राजमार्गों को जाम करना शुरू कर दिया है. किसानों ने पलवल हाईवे को बंद कर दिया है.
  2. किसानों के आज के 'चक्का जाम' को लेकर दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है. सड़कों पर जगह- जगह सुरक्षा बढ़ाई गई है. दिल्ली में किसानों के चक्का जाम नहीं करने के ऐलान के बावजूद दिल्ली के सभी बॉर्डर पर भी पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
  3. किसान नेता मंजीत सिंह राय ने शनिवार को कहा कि हमारा चक्का जाम शुरू हो गया है. पंजाब में राज्य सरकार की सड़के बंद होने लगी हैं. दिल्ली में हमारा कोई चक्का जाम नहीं है. दिल्ली में चक्का जाम तो पुलिस ने किया है. सड़क खोदकर कांटों की दीवार बना दी है. 
  4. किसान संगठनों के बीच मतभेद को लेकर राय ने कहा कि किसान संगठनों में कोई मतभेद नहीं है. यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम न करने का कॉल टिकैत जी का है. हम टिकैत जी के साथ हैं. उन्हें उत्तर प्रदेश की ज़्यादा समझ है, वहां बीजेपी सरकार चक्का जाम की आड़ कुछ ग़लत कर सकती थी. हमारा चक्का जाम पूरा शांतिपूर्ण रहेगा. 3 बजे हम हॉर्न बजा कर चक्का जाम ख़त्म करेंगे.
  5. 26 जनवरी की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. किसानों के चक्का जाम के मद्देनजर लाल किले में पुलिस का ज़बरदस्त पहरा है. बाहर और भीतर पुलिस का अच्छा खासा इंतज़ाम है. लाल किला मानो छावनी में तब्दील हो. 
  6. किसानों के 'चक्का जाम' के मद्देनजर मंडी हाउस, ITO और दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार को बंद कर दिया गया. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने शनिवार को यह जानकारी दी. इसके अलावा, विश्वविद्यालय, लाल किला, जामा मस्जिद, जनपथ और केंद्रीय सचिवालय, खान मार्केट और नेहरू प्लेस के प्रवेश और निकास द्वार को बंद किया गया है.
  7. किसानों के देशव्यापी चक्का जाम को देखते हुए टिकरी बॉर्डर की किलेबंदी की गई है. टिकरी बॉर्डर पर करीब 20 लेयर की सुरक्षा है. तारों और नुकीली कीलों के साथ अब पुलिस ने एक जाल भी लगाया है. पथराव से बचने के लिए जाल लगाया गया. सड़क पर रोड रोलर खड़े किये गये. किसानों तक पहुँचने वाले छोटे छोटे रास्तों को बंद किया गया.
  8. 6 फरवरी को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसानों का चक्का जाम नहीं होगा. गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत और बलबीर सिंह राजोवाल की बैठक के बाद शुक्रवार को यह फैसला लिया गया. बैठक के बाद राकेश टिकैत ने यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम न करने का ऐलान किया. उन्होंने तर्क दिया कि गन्ने की कटाई और लगातार चल रहे आंदोलन में किसानों को कुछ आराम देना चाहते हैं. इससे पहले, उन्होंने दिल्ली में चक्का जाम नहीं होने की बात कही थी.
  9. संयुक्त किसान मोर्चा ने 'चक्का जाम' को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि देशभर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जाम किया जाएगा. इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा.चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहेगा. 
  10. मोर्चा ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वे इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल न हो. दिल्ली की सीमा के अंदर कोई चक्का जाम प्रोग्राम नहीं होगा क्योंकि सभी विरोध स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं. दिल्ली में प्रवेश की सभी सड़कें खुली रहेंगी, सिवाय उनके, जहां पहले से ही किसानों के पक्के मोर्चे लगे हुए हैं. हम जनता से भी अपील करते हैं कि वे अन्नदाता के साथ अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त करने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हों. 
  11. कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर संसद में हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि चर्चा हमारी संसदीय व्यवस्था का केंद्र है. सरकार संसद में हर विषय पर विपक्ष के सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए पूरी तरह तैयार है. विपक्ष के साथ सामंजस्य बनाकर सदन को सुचारु रूप से चलाने की हमारी कोशिशें लगातार जारी हैंय हमें पूरा विश्वास है कि सोमवार से सदन सुचारू रूप से चलेगा. 

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