नई दिल्ली:
दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। कल दिल्ली सरकार ने विज्ञापन देकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उसके 14 बिल केंद्र सरकार ने रोक रखे हैं। इस पर गृह मंत्रालय ने केजरीवाल पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि LG ने सिर्फ़ 11 बिल भेजे हैं जिन्हें राष्ट्रपति की मंज़ूरी के लिए भेजा गया है। सिर्फ़ संसदीय सचिव का बिल रोका गया है। वहीं दो बिल गृह मंत्रालय में रुके हैं, नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी और मिनिमन वेज़ बिल पर दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
केंद्र से पहले से मंज़ूरी नहीं
गृह मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय को छह बिल 1 अप्रैल को मिले हैं, एक बिल दिसंबर 2015 में मिला, एक और बिल अगस्त 2015 में मिला है। मंत्रालय का कहना है कि केंद्र से पहले से मंज़ूरी नहीं लेने के कारण इन बिलों को पास होने में ज़्यादा समय लग रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि केंद्र किसी तरह के वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहती इसलिए खुले तौर पर इस मसले पर बात नहीं कर रही है।
गौरतलब है कि पहले भी केजरीवाल ने विज्ञापनों के ज़रिए केंद्र सरकार पर हमला किया है। पिछले साल दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने एक विज्ञापन के ज़रिए विवाद खड़ा किया था जिसमें कहा गया था कि 'प्रधानमंत्री सर, प्लीज़ दिल्ली सरकार को काम करने दीजिए। दिल्ली सरकार अच्छा काम कर रही है।'
केंद्र से पहले से मंज़ूरी नहीं
गृह मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय को छह बिल 1 अप्रैल को मिले हैं, एक बिल दिसंबर 2015 में मिला, एक और बिल अगस्त 2015 में मिला है। मंत्रालय का कहना है कि केंद्र से पहले से मंज़ूरी नहीं लेने के कारण इन बिलों को पास होने में ज़्यादा समय लग रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि केंद्र किसी तरह के वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहती इसलिए खुले तौर पर इस मसले पर बात नहीं कर रही है।
गौरतलब है कि पहले भी केजरीवाल ने विज्ञापनों के ज़रिए केंद्र सरकार पर हमला किया है। पिछले साल दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने एक विज्ञापन के ज़रिए विवाद खड़ा किया था जिसमें कहा गया था कि 'प्रधानमंत्री सर, प्लीज़ दिल्ली सरकार को काम करने दीजिए। दिल्ली सरकार अच्छा काम कर रही है।'
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