यह ख़बर 04 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

इशरत के आतंकवादियों से संपर्क का खुलासा करे सरकार : राजनाथ सिंह

खास बातें

  • इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई के आरोपपत्र पर केंद्र सरकार पर निाशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार को इशरत के 'आतंकवादियों से उसके संपर्क' का खुलासा करना चाहिए।
गुवाहाटी:

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई के आरोपपत्र पर केंद्र सरकार पर निाशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार को इशरत के 'आतंकवादियों से उसके संपर्क' का खुलासा करना चाहिए।

गौरतलब है कि सीबीआई ने बुधवार को एक आरोपपत्र दालिख कर कहा था कि इशरत का आतंकवादियों से कोई संबंध नहीं था। वर्ष 2004 में हुई इस मुठभेड़ में सात वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।

राजनाथ ने कहा कि सरकार को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि इशरत किस आतंकवादी संगठन से जुड़ी थी।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2002 के बाद से 3,000 से अधिक फर्जी मुठभेड़ें हुईं। लेकिन राजनीति लाभ के लिए केवल इसी मामले को उछाला जा रहा है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सबसे पहले संसद में चर्चा होनी चाहिए। इसे एक अध्यादेश के रूप में लाना ठीक नहीं है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले चार साल में जब खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित नहीं हुआ तो अब क्या जल्दी थी। भाजपा इस विधयेक को कुछ संशोधनों के साथ पारित कराना चाहती थी।

राजनाथ सिंह ने अर्थव्यवस्था को संभालने में विफलता के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश 1991 की उस स्थिति की ओर बढ़ रहा है जब उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास सोना गिरवी रखकर कर्ज लेना पड़ा था।

गुरुवार को संवाददाताओं से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर गिरकर पांच प्रतिशत के करीब आ गई है और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट हो रही है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि देश उन्हीं हालातों का सामना कर रहा है, जो हालात 1991 में थे।

उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने के अनिच्छुक हैं और भारतीय निवेशक विदेशों में संभावनाएं तलाश रहे हैं।

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भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि रुपये के अवमूल्यन से निर्यात बढ़ना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके विपरीत आयात ही बढ़ा और उससे अर्थव्यवस्था पर दबाव गहरा गया है।