प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सुरक्षा एजेंसियों ने 26/11 मुम्बई हमले जैसे समुद्र के रास्ते आतंकवादी हमले और बीजेपी दफ्तर पर हमले की आशंका जताते हुए इसके प्रति आगाह किया है और सुरक्षा बलों से कहा है कि वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐसे किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सतर्क रहें।
गृह मंत्रालय ने यह भी आगाह किया है कि आतंकवादी हमला करने के लिए हवाई मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं और हमले के लिए पैरा ग्लाइडरों का प्रयोग भी हो सकता है। मंत्रालय ने सुरक्षा बलों से कहा है कि वे ऐसे किसी गड़बड़ी की कोशिश और खास तौर से उच्च जोखिम वाले गणमान्य लोगों को निशाना बनाने वाले ऐसे किसी प्रयास को लेकर सतर्क रहें।
परामर्श में कहा गया है कि हाल में गुरदासपुर में आतंकवादी हमला, पूर्व में 2013 में नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली को निशाना बनाते हुए पटना में किए गए सिलसिलेवार धमाकों सहित विभिन्न आतंकवादी घटनाओं से यह संकेत मिलता है कि खतरा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों और उनके भारतीय संबद्ध संगठनों जैसे इंडियन मुजाहिदीन और पूर्व सिमी सदस्यों से पैदा होता है, जिसके निशाने पर संभावित रूप से लोटस टेंपल, नोएडा स्थित मॉल, मेट्रो स्टेशनों, लाल किला एवं राजनीतिक हस्ती रहते हैं।
सभी बलों और राज्य पुलिस को भेजे गए पत्र में मंत्रालय ने 16 अप्रैल के उस इनपुट का जिक्र किया है जिसमें कहा गया था कि ‘अलकायदा इन द इंडियन सब-कांटिनेंट’ (एक्यूआईएस) भारत के खिलाफ उसके नौसैनिक ठिकानों पर हमले की योजना बनाने में सक्रिय रूप से लिप्त है। इसके साथ ही असुरक्षित तटीय स्थल संभावित रूप से उनके निशाने पर हैं।
मंत्रालय ने पत्र में कहा है, 'इस संबंध में कोच्चि स्थित दक्षिणी नौसैनिक कमान (आईएनएस वेंदुरथी), मुम्बई स्थित पश्चिमी नौसैनिक कमान और करवार स्थित नौसैनिक ठिकाने (आईएनएस कदंबा) को निशाना बनाया जा सकता है।' उसने कहा कि गुजरात को भी निशाना बनाया जा सकता है।
पत्र में कहा गया है कि पिछले वर्ष सितंबर में मिले एक इनपुट में दावा किया गया है कि एक्यूआईएस बीजेपी कार्यालयों, विभिन्न राज्यों में वाणिज्यिक, पर्यटक, धार्मिक, उड्डयन और रेलवे आधारभूत ढांचों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। इसमें कहा गया है, 'रिमोट से संचालित पायलट रहित वाहनों, रिमोट संचालित विमान, पैरा ग्लाइडर एवं हैंड ग्लाइडर से उत्पन्न खतरे से मुकाबले के लिए खुले मैदानों एवं स्थानों, परित्यक्त हवाई पट्टियों आदि की पहचान करने की जरूरत है जिनका इस्तेमाल इन उड़ने वाली चीजों को उड़ाने के लिए किया जा सकता है। इन सभी स्थानों को सुरक्षा बलों की गश्त एवं तैनाती से सुरक्षित करने की जरूरत है।'
एक अन्य इनपुट के अनुसार आईएसआई ने काबुल-दिल्ली क्षेत्र में संचालित होने वाली एयर इंडिया की उड़ानों का अपहरण करने या उसमें विस्फोट करने की योजना बनायी है क्योंकि उनका इस्तेमाल वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।'
गृह मंत्रालय ने यह भी आगाह किया है कि आतंकवादी हमला करने के लिए हवाई मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं और हमले के लिए पैरा ग्लाइडरों का प्रयोग भी हो सकता है। मंत्रालय ने सुरक्षा बलों से कहा है कि वे ऐसे किसी गड़बड़ी की कोशिश और खास तौर से उच्च जोखिम वाले गणमान्य लोगों को निशाना बनाने वाले ऐसे किसी प्रयास को लेकर सतर्क रहें।
परामर्श में कहा गया है कि हाल में गुरदासपुर में आतंकवादी हमला, पूर्व में 2013 में नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली को निशाना बनाते हुए पटना में किए गए सिलसिलेवार धमाकों सहित विभिन्न आतंकवादी घटनाओं से यह संकेत मिलता है कि खतरा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों और उनके भारतीय संबद्ध संगठनों जैसे इंडियन मुजाहिदीन और पूर्व सिमी सदस्यों से पैदा होता है, जिसके निशाने पर संभावित रूप से लोटस टेंपल, नोएडा स्थित मॉल, मेट्रो स्टेशनों, लाल किला एवं राजनीतिक हस्ती रहते हैं।
सभी बलों और राज्य पुलिस को भेजे गए पत्र में मंत्रालय ने 16 अप्रैल के उस इनपुट का जिक्र किया है जिसमें कहा गया था कि ‘अलकायदा इन द इंडियन सब-कांटिनेंट’ (एक्यूआईएस) भारत के खिलाफ उसके नौसैनिक ठिकानों पर हमले की योजना बनाने में सक्रिय रूप से लिप्त है। इसके साथ ही असुरक्षित तटीय स्थल संभावित रूप से उनके निशाने पर हैं।
मंत्रालय ने पत्र में कहा है, 'इस संबंध में कोच्चि स्थित दक्षिणी नौसैनिक कमान (आईएनएस वेंदुरथी), मुम्बई स्थित पश्चिमी नौसैनिक कमान और करवार स्थित नौसैनिक ठिकाने (आईएनएस कदंबा) को निशाना बनाया जा सकता है।' उसने कहा कि गुजरात को भी निशाना बनाया जा सकता है।
पत्र में कहा गया है कि पिछले वर्ष सितंबर में मिले एक इनपुट में दावा किया गया है कि एक्यूआईएस बीजेपी कार्यालयों, विभिन्न राज्यों में वाणिज्यिक, पर्यटक, धार्मिक, उड्डयन और रेलवे आधारभूत ढांचों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। इसमें कहा गया है, 'रिमोट से संचालित पायलट रहित वाहनों, रिमोट संचालित विमान, पैरा ग्लाइडर एवं हैंड ग्लाइडर से उत्पन्न खतरे से मुकाबले के लिए खुले मैदानों एवं स्थानों, परित्यक्त हवाई पट्टियों आदि की पहचान करने की जरूरत है जिनका इस्तेमाल इन उड़ने वाली चीजों को उड़ाने के लिए किया जा सकता है। इन सभी स्थानों को सुरक्षा बलों की गश्त एवं तैनाती से सुरक्षित करने की जरूरत है।'
एक अन्य इनपुट के अनुसार आईएसआई ने काबुल-दिल्ली क्षेत्र में संचालित होने वाली एयर इंडिया की उड़ानों का अपहरण करने या उसमें विस्फोट करने की योजना बनायी है क्योंकि उनका इस्तेमाल वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।'
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