केंद्र सरकार ने जंबो कंटेनर आधारित कोविड हॉस्पिटल (COVID hospitals) उद्योगों के आसपास स्थापित करने का फैसला किया है, ताकि ऑक्सीजन युक्त बेड (oxygen beds) की क्षमता बढ़ाई जा सके. माना जा रहा है कि कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों (Coronavirus cases) के बीच यह कदम बेड की कमी को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है.गौरतलब है कि देश में रोजाना 3 लाख से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. शुक्रवार को तो 3 लाख 86 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज देश में मिले.
गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कहा, गैसीय ऑक्सीजन का इस्तेमाल करके जंबो कंटेनर आधारित कोविड-19 हॉस्पिटल उद्योगों के पास लगाए जाएंगे. इससे ऑक्सीजन बेड की संख्या काफी हद तक पबढ़ाई जा सकती. उन्होंने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की दरकार बेहद तेजी से बढ़ी है और ऐसे तमाम प्रयासों से संकट का हल खोजने में मदद मिल सकती है. चिकित्सकीय उद्देश्य के तहत हम लिक्विड ऑक्सीजन का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह गैसीय ऑक्सीजन का इस्तेमाल होगा. लिहाजा आपूर्ति को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी और ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जा सकेंगे.
बहरहाल, गृह मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि स्टील प्लांटों ने अपनी लिक्विड ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया है, ताकि जन स्वास्थ्य की जरूरतों को देखते हुए इसकी मांग को पूरा किया जा सके. गोयल ने बताया कि सरकार लिक्विड ऑक्सीजन का आयात कर रही है. देश के विभिन्न हिस्सों में नए ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं. मौजूदा प्लांट की क्षमता भी पहले से काफी बढ़ाई गई है.
कोविड-19 संकट के बीच पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रियों से कहा है कि वे अपने क्षेत्रों में लोगों के संपर्क में रहें, उनकी मदद करें और उनसे स्थिति के बारे में जानकारी लेते रहें. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मंत्रिपरिषद् की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने “स्थानीय स्तर पर मुद्दों की त्वरित पहचान और निस्तारण सुनिश्चित करने की जरूरत” पर भी बल दिया. बयान में कहा गया कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर से पैदा हुई स्थिति पर चर्चा के लिये इस बैठक का डिजिटल तरीके से आयोजन हुआ था.
इसमें कहा गया कि महामारी ने “सदी में एक बार” आने वाले संकट जैसे हालात बना दिये हैं और दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है.इसमें कहा गया कि मंत्रिपरिषद् को अस्पतालों में बिस्तरों, ऑक्सीजन सुविधाओं की संख्या बढ़ाने और ऑक्सीजन व अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई.
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