केंद्र सरकार ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और अन्य पर गैर कानूनी रोकथाम कानून (UAPA) के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दे दी है. उमर खालिद (Umar Khalid) को दिल्ली पुलिस ने राजधानी में हुए दंगों के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था. कानून के अनुसार, UAPA के तहत किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी लेना आवश्यक है. गृह मंत्रालय ने अपनी स्वीकृति दे दी है. यह कानून आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता जैसे सख्त मामलों में अमल में लाया जाता है.
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खालिद को को सख्त आतंकवाद विरोधी कानून - गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. यह उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में बड़ी साजिश से संबंधित एक अलग मामला है. अक्टूबर में जब उमर खालिद को अदालत के समक्ष पेश किया गया था तो उनका कहना था कि उन्हें जेल में अपनी कोठरी से भी बाहर नहीं निकलने दिया जाता है. खालिद ने कहा था, ‘‘ मुझे कोठरी से निकलने की बिल्कुल अनुमति नहीं दी जाती है. मैं अपनी कोठरी में अकेला हूं. किसी को भी मुझसे मिलने की अनुमति नहीं दी जाती. व्यवाहारिक तौर पर मुझे एकांत में जैसे कैद कर दिया गया है.
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