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नई दिल्ली:
संसद के मानसून सत्र का प्रथम सप्ताह व्यवधानों की भेंट चढ़ गया, लेकिन सरकार को आशा है कि 15 अगस्त से पहले खाद्य सुरक्षा विधेयक संसद में पारित हो जाएगा। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को दी है।
एक अधिकारी ने कहा, "हमें आशा है कि खाद्य विधेयक 15 अगस्त से पहले पारित हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि लोकसभा में सोमवार को विधेयक पर चर्चा होगी और यह पारित हो जाएगा। उसके बाद मंगलवार या बुधवार को राज्यसभा में इस पर चर्चा होगी। दोनों सदनों में पारित हो जाने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
पिछले सप्ताह विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने के समय से ही कांग्रेस नेता सभी दलों से इस कल्याणकारी विधेयक को पारित कराने की अपील कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता राज बब्बर ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा था, "सोनिया गांधी का सपना साकार होने के करीब है। खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सोमवार को लोकसभा में चर्चा होगी। हम इसे पारित करने के लिए दलों से अपील करते हैं।" इस सत्र में खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित करना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन संप्रग सरकार की एक शीर्ष प्राथमिकता है।
सरकार इस सप्ताह इस विधेयक को किसी भी तरह पारित करना चाहती है, क्येंकि दिल्ली, हरियाणा और असम जैसे कई चुनावी राज्यों सहित कई कांग्रेस शासित राज्य इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस 20 अगस्त से अपने यहां लागू करना चाहते हैं।
विधेयक में सुझाए गए ढेर सारे संशोधनों से निपटना कांग्रेस के सदन प्रबंधकों के लिए आसान नहीं होगा। इसमें 71 संशोधन सरकार के तथा कई सारे संशोधन विपक्षी दलों द्वारा पेश किए गए हैं।
संप्रग के पूर्व सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) तीन संशोधन पेश कर सकती है। इसके अतिरिक्त मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा 50 से अधिक संशोधन सुझाए गए हैं। इसके अलावा कुछ संशोधन बीजू जनता दल (बीजद) द्वारा पेश किए जा सकते हैं।
एक अधिकारी ने कहा, "हमें आशा है कि खाद्य विधेयक 15 अगस्त से पहले पारित हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि लोकसभा में सोमवार को विधेयक पर चर्चा होगी और यह पारित हो जाएगा। उसके बाद मंगलवार या बुधवार को राज्यसभा में इस पर चर्चा होगी। दोनों सदनों में पारित हो जाने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
पिछले सप्ताह विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने के समय से ही कांग्रेस नेता सभी दलों से इस कल्याणकारी विधेयक को पारित कराने की अपील कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता राज बब्बर ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा था, "सोनिया गांधी का सपना साकार होने के करीब है। खाद्य सुरक्षा विधेयक पर सोमवार को लोकसभा में चर्चा होगी। हम इसे पारित करने के लिए दलों से अपील करते हैं।" इस सत्र में खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित करना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन संप्रग सरकार की एक शीर्ष प्राथमिकता है।
सरकार इस सप्ताह इस विधेयक को किसी भी तरह पारित करना चाहती है, क्येंकि दिल्ली, हरियाणा और असम जैसे कई चुनावी राज्यों सहित कई कांग्रेस शासित राज्य इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस 20 अगस्त से अपने यहां लागू करना चाहते हैं।
विधेयक में सुझाए गए ढेर सारे संशोधनों से निपटना कांग्रेस के सदन प्रबंधकों के लिए आसान नहीं होगा। इसमें 71 संशोधन सरकार के तथा कई सारे संशोधन विपक्षी दलों द्वारा पेश किए गए हैं।
संप्रग के पूर्व सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) तीन संशोधन पेश कर सकती है। इसके अतिरिक्त मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा 50 से अधिक संशोधन सुझाए गए हैं। इसके अलावा कुछ संशोधन बीजू जनता दल (बीजद) द्वारा पेश किए जा सकते हैं।
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