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केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के भूमि के राज्य का विषय होने पर जोर देने के कारण एकता परिषद के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही।
दोनों पक्षों ने हालांकि मंगलवार को फिर मिलने पर सहमति जताई क्योंकि रमेश ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उपनी मांगों के प्रति संवेदनशील है और भूमि सुधार की प्रक्रिया में अपनी सहायता देने को तैयार है।
दो घंटे की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी सरकार संवेदनशील है और हम चाहते हैं कि गरीब, भूमिहीनों और दलितों को भूमि और न्याय मिले। हमारे बीच अधिक मतभेद नहीं है जबकि एक बुनियादी अंतर है कि संवैधानिक तौर पर भूमि सुधार राज्यों की जिम्मेदारी है।’
शरद चंद्र बेहार के नेतृत्व में परिषद प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण विकास मंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात की। रमेश ने उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र प्रक्रिया में रचनात्मक भूमिका निभाने को इच्छुक है। उन्होंने कहा, ‘जब वे कहते हैं कि क्यों केंद्र यह भूमि सुधार नहीं कर रहा है... हमें उन्हें समझाना है कि यह राज्य का विषय है। लेकिन सरकार का नजरिया रचनात्मक और सकारात्मक है। हम मंगलवार को फिर मिल रहे हैं।’
सामाजिक कार्यकर्ता पीवी राजगोपाल के नेतृत्व में एकता परिषद ने जन सत्याग्रह मार्च का आह्वान किया है।
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