केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने राज्यों से कहा है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल भेजें. केंद्र की इस कवायद के पीछे मकसद है कि कोरोना का प्रसार कर रहे नए वैरिएंट (Covid-19 variants) का पता लगाया जा सके. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग (genome sequencing) जरूरी है. हालांकि ऐसा देखा गया है कि किसी राज्य के महज कुछ ही जिलों से सैंपल आ रहे है. जबकि कोरोना संक्रमण कई राज्यों के कई इलाकों में फैला है. ऐसे में भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.
केंद्र ने कहा है कि किस अंतराष्ट्रीय यात्री में वैरिएंट चिंता का विषय है और किसी में सिर्फ ध्यान देने की जरूरत है, ये जानना जरुरी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ऐसे देशों से आए लोगों पर खास ध्यान देने की जरूरत है. दरअसल कोरोना संक्रमण में कौन सा वेरिएंट कितना खतरनाक है, इसकी जानकारी उस इलाके में फैले कोरोना संक्रमित मरीजों के नमूनों से ही पता चलता है.
केंद्र सरकार के मुताबिक, अगर किसी राज्य में संक्रमण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ जाता है, तब वहां पर जीनोम सीक्वेंसिंग की संख्या बढ़ायी जाती है. इस साल के शुरुआत में महाराष्ट्र, पंजाब और दिल्ली में जब संक्रमण बढ़ा तो महाराष्ट्र और पंजाब के 10 जिलों में सैम्पल ज्यादा से ज्यादा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे.
देश में रोजाना करीब 40-45 हजार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से करीब 60 से 65 फीसदी केरल में मिल रहे हैं.
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