इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता चुनाव से पहले और चुनाव के बाद विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लिए एक अहम मुद्दा बनता दिख रहा है. हाल में ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से तीन राज्यों में जीत के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा था कि हम भले ही चुनाव में जीते हों लेकिन हमें अभी भी लगता है कि EVM के साथ कोई भी छेड़छाड़ कर सकता है. EVM को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अब मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा (CEC Sunil Arora) ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मतदान की यह सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति है क्योंकि मशीन गलत रखरखाव की शिकार तो हो सकती है लेकिन इसमें छेड़छाड़ मुमकिन ही नहीं है. नवनियुक्त सीईसी अरोड़ा ने EVM पर राजनीतिक दलों के आरोपों के दायरे में अब चुनाव आयोग के भी आने के मुद्दे पर गुरुवार को कहा कि चुनाव में मतदाताओं के बाद राजनीतिक दल ही मुख्य पक्षकार होते हैं. उन्हें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है, लेकिन इस बात से मुझे दुख होता है, हमने ईवीएम को फुटबॉल बना दिया है.
यह भी पढ़ें: मतगणना के पहले दिन भाजपा आगे, दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस
किसी दल विशेष के पक्ष में चुनाव परिणाम नहीं आने पर इसका ठीकरा EVM पर फोड़ने की प्रवृत्ति के बारे में अरोड़ा ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत थे. इसके बाद भी हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा और अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव व तमाम उपचुनाव के परिणाम बिल्कुल भिन्न रहे. अरोड़ा ने राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव परिणाम की व्याख्या अपनी सुविधानुसार करने का जिक्र करते हुये कहा कि ईवीएम महज एक मशीन है जो आंकड़े दर्ज कर उनकी गिनती करती है.
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा, तो इस राज्य में सबसे कम मतदाताओं ने किया NOTA का इस्तेमाल
मशीन में खास प्रोग्रामिंग कर विशेष परिणाम हासिल करने की संभावना को मैं पूरी तरह से नकार सकता हूं. पांच राज्यों के चुनाव में ईवीएम की मतदान केन्द्रों से इतर अन्य स्थानों पर बरामदगी के सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि मशीन में छेड़छाड़ करना और इसका गलत रखरखाव दो अलग मुद्दे हैं. जो शिकायतें इन चुनावों के दौरान मिलीं, वे कर्मचारियों द्वारा गलत रखरखाव की श्रेणी में आती हैं. इस तरह के जो मामले सामने आये हैं, हालांकि यह संख्या नगण्य है लेकिन फिर भी आयोग की कोशिश इस संख्या को शून्य पर लाने की है.
VIDEO: चुनाव आयोग से की शिवराज ने शिकायत.
राजनीतिक दलों की मतपत्र की तरफ वापस लौटने की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं है. यह चुनाव आयोग का स्पष्ट रुख है. इस विषय पर कई बार विचार विमर्श करने के बाद आयोग ने यह सोच कायम की है. (इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं