
सेना खरीद से जुड़ा एक और नया घोटाला सामने आने की आशंका के बीच रक्षामंत्री एके एंटनी ने सरकारी स्वामित्व वाले हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को लंदन स्थित रॉल्स रॉयस कंपनी द्वारा विमान के इंजन की आपूर्ति संबंधी 10 हजार करोड़ रुपये के सौदे में रिश्वत के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यह सौदा साल 2007 और 2011 के बीच हॉक ट्रेनर और जगुआर लड़ाकू विमानों के लिए इंजन की आपूर्ति से जुड़ा है और एचएएल की सतर्कता शाखा द्वारा की गई आंतरिक जांच में पहली नजर में आरोप स्थापित हुए हैं।
आरोपों पर प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किए जाने पर रॉल्स रॉयस ने ई-मेल से भेजे गए अपने जवाब में कहा कि कंपनी एक दिन बाद जवाब देने में सक्षम होगी।
उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ये आरोप हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से हाल में मिली चिट्ठी के रूप में सामने आए हैं, जिसमें दावा किया कि अनुबंध हासिल करने के लिए एचएएल और अन्य संबद्ध विभागों में अधिकारियों को रिश्वत दी गई। उन्होंने कहा कि एचएएल ने अपने मुख्य सतर्कता अधिकारी के जरिए तत्काल आरोपों की जांच शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि एचएएल के सीवीओ की जांच में प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि कंपनी ने साल 2007-11 के बीच एचएएल के साथ कथित तौर पर कई अनुबंधात्मक दायित्वों का उल्लंघन किया। उसी दौरान कथित तौर पर रिश्वत दी गई।
गौरतलब है कि रॉल्स रॉयस ने भारतीय वायु सेना के लिए एचएएल द्वारा तैयार किए जा रहे विमानों के लिए इंजन की आपूर्ति की है।
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