चेन्नई:
सीबीआई ने हैदराबाद के एक व्यवसायी द्वारा सीमा शुल्क कानून का उल्लंघन करके कथित तौर कार आयात करने वाले गिरोह की जांच के तहत 16 और आयातित लक्जरी वाहन को जब्त किया है। यह मामला द्रमुक नेता एमके स्टालिन के घर की तलाशी लिए जाने के बाद चर्चा में आया।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी का एक दल एक अन्य आयातित वाहन की तलाश में गुरुवार को स्टालिन के भाई एमके अलागिरी के आवास पर भी गया था। अलागिरी ने कथित तौर पर इस गिरोह के मुख्य सरगना एलेक्स सी जोसफ से इस वाहन को खरीदा था।
हालांकि, उन्होंने कहा कि द्रमुक नेता एमके स्टालिन के बेटे के नाम पर पंजीकृत एसयूवी का पता नहीं चला।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने जोसफ के आवास से अहम संपत्ति दस्तावेज, लॉकर के विवरण और अन्य सामग्रियां बरामद कीं। ऐसा बताया जा रहा है कि वह फरार है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी जोसफ के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करेगी। इस मामले में वह राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) अधिकारी मुरुगनंदन के साथ आरोपी है।
एजेंसी ने दावा किया कि मुरुगनंदन को कथित तौर पर जोसफ द्वारा अवैध आयात के बारे में जानकारी थी लेकिन उसने कार्रवाई नहीं की।
इसे बड़ा कार आयात घोटाला बताते हुए सीबीआई सूत्रों ने बताया कि उन्होंने 18 स्थानों पर तलाशी के जरिये कल 17 वाहन बरामद किए थे। इसमें चेन्नई स्थित स्टालिन के आवास की भी तलाशी ली गई थी ताकि एसयूवी ‘हमर’ का पता लगाया जा सके। उसका आयात कथित तौर पर 2007 में किया गया था। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने अब तक 33 कारें बरामद की हैं लेकिन उसका मानना है कि कारों की संख्या और बढ़ेगी।
एजेंसी ने कहा है कि कार के मौजूदा मालिकों को इन्हें इस शपथ पत्र के साथ अपने पास रखने को कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी तो वे अदालत के समक्ष पेश करेंगे।
इन आयातित वाहनों का पता लगाने के लिए कल चलाया गया अभियान एजेंसी के लिए तब मुसीबत बन गया जब उसका एक दल द्रमुक के संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के दो दिन बाद ही हमर की तलाश में द्रमुक नेता स्टालिन के घर गया।
इस कार्रवाई ने राजनैतिक तूफान खड़ा कर दिया था। जहां स्टालिन ने राजनैतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया था वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कार्रवाई पर नाखुशी जताई थी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा था कि प्रधानमंत्री या वित्तमंत्री सीबीआई के कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकते और तलाशी बंद हो गई है। राजनैतिक गलियारे में खलबली मचने के बाद सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा ने इस बात की आंतरिक जांच का आदेश दिया था कि क्या योजना बनाने के दौरान कोई प्रक्रियागत चूक हुई।
एक वक्तव्य में सीबीआई ने कहा था कि जोसफ और मुरुगनंदन के अलावा अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ खिलाफ आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने बताया कि यह मामला उस शिकायत से संबंधित है जिसमें आरोप लगाया गया था कि तमिलनाडु में तकरीबन 33 वाहनों का आयात किया गया और उनमें कुछ वाहनों को आयात के बाद आयात प्रावधानों का उल्लंघन करके बेच दिया गया जिसके कारण सरकारी खजाने को 48 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि मुरुगनंदन ने कुछ उपभोक्ताओं और अन्य के परिसरों में वाहन की पहचान के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की।
सूत्रों ने बताया कि 11 कार इंडिया सीमेंट्स के पास से बरामद किए गए थे जबकि सात लक्जरी कारों को रामचंद्र मेडिकल कॉलेज के चांसलर आर वेंकटचलन के पास से, दो को एमजीएम समूह की कंपनियों से, पांच वाहनों को जी के शेट्टर रमन्ना और दो को राजा शंकर के पास से बरामद किया गया था। वहीं एक-एक वाहन चेन्नई के पास रहने वाले विभिन्न लोगों से बरामद किया गया था। उन्होंने बताया कि इन कारों का आयात साल 2007 और 2011 के बीच किया गया।
सूत्रों ने बताया कि यह मामला एजेंसी की चेन्नई शाखा ने दर्ज किया था और सीआरपीसी की धारा 165 के तहत अदालत से वारंट लेने के बाद उसने तलाशी ली। सीआरपीसी की धारा 165 एक पुलिस अधिकारी को जांच के लिए जरूरत पड़ने पर तलाशी लेने की शक्ति देती है।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी का एक दल एक अन्य आयातित वाहन की तलाश में गुरुवार को स्टालिन के भाई एमके अलागिरी के आवास पर भी गया था। अलागिरी ने कथित तौर पर इस गिरोह के मुख्य सरगना एलेक्स सी जोसफ से इस वाहन को खरीदा था।
हालांकि, उन्होंने कहा कि द्रमुक नेता एमके स्टालिन के बेटे के नाम पर पंजीकृत एसयूवी का पता नहीं चला।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने जोसफ के आवास से अहम संपत्ति दस्तावेज, लॉकर के विवरण और अन्य सामग्रियां बरामद कीं। ऐसा बताया जा रहा है कि वह फरार है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी जोसफ के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करेगी। इस मामले में वह राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) अधिकारी मुरुगनंदन के साथ आरोपी है।
एजेंसी ने दावा किया कि मुरुगनंदन को कथित तौर पर जोसफ द्वारा अवैध आयात के बारे में जानकारी थी लेकिन उसने कार्रवाई नहीं की।
इसे बड़ा कार आयात घोटाला बताते हुए सीबीआई सूत्रों ने बताया कि उन्होंने 18 स्थानों पर तलाशी के जरिये कल 17 वाहन बरामद किए थे। इसमें चेन्नई स्थित स्टालिन के आवास की भी तलाशी ली गई थी ताकि एसयूवी ‘हमर’ का पता लगाया जा सके। उसका आयात कथित तौर पर 2007 में किया गया था। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने अब तक 33 कारें बरामद की हैं लेकिन उसका मानना है कि कारों की संख्या और बढ़ेगी।
एजेंसी ने कहा है कि कार के मौजूदा मालिकों को इन्हें इस शपथ पत्र के साथ अपने पास रखने को कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी तो वे अदालत के समक्ष पेश करेंगे।
इन आयातित वाहनों का पता लगाने के लिए कल चलाया गया अभियान एजेंसी के लिए तब मुसीबत बन गया जब उसका एक दल द्रमुक के संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के दो दिन बाद ही हमर की तलाश में द्रमुक नेता स्टालिन के घर गया।
इस कार्रवाई ने राजनैतिक तूफान खड़ा कर दिया था। जहां स्टालिन ने राजनैतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया था वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कार्रवाई पर नाखुशी जताई थी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा था कि प्रधानमंत्री या वित्तमंत्री सीबीआई के कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकते और तलाशी बंद हो गई है। राजनैतिक गलियारे में खलबली मचने के बाद सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा ने इस बात की आंतरिक जांच का आदेश दिया था कि क्या योजना बनाने के दौरान कोई प्रक्रियागत चूक हुई।
एक वक्तव्य में सीबीआई ने कहा था कि जोसफ और मुरुगनंदन के अलावा अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ खिलाफ आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश, जालसाजी, धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने बताया कि यह मामला उस शिकायत से संबंधित है जिसमें आरोप लगाया गया था कि तमिलनाडु में तकरीबन 33 वाहनों का आयात किया गया और उनमें कुछ वाहनों को आयात के बाद आयात प्रावधानों का उल्लंघन करके बेच दिया गया जिसके कारण सरकारी खजाने को 48 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ। यह आरोप लगाया गया है कि मुरुगनंदन ने कुछ उपभोक्ताओं और अन्य के परिसरों में वाहन की पहचान के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की।
सूत्रों ने बताया कि 11 कार इंडिया सीमेंट्स के पास से बरामद किए गए थे जबकि सात लक्जरी कारों को रामचंद्र मेडिकल कॉलेज के चांसलर आर वेंकटचलन के पास से, दो को एमजीएम समूह की कंपनियों से, पांच वाहनों को जी के शेट्टर रमन्ना और दो को राजा शंकर के पास से बरामद किया गया था। वहीं एक-एक वाहन चेन्नई के पास रहने वाले विभिन्न लोगों से बरामद किया गया था। उन्होंने बताया कि इन कारों का आयात साल 2007 और 2011 के बीच किया गया।
सूत्रों ने बताया कि यह मामला एजेंसी की चेन्नई शाखा ने दर्ज किया था और सीआरपीसी की धारा 165 के तहत अदालत से वारंट लेने के बाद उसने तलाशी ली। सीआरपीसी की धारा 165 एक पुलिस अधिकारी को जांच के लिए जरूरत पड़ने पर तलाशी लेने की शक्ति देती है।
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