विजिटर डायरी मामले में मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मीडिया पर हमारा काबू नहीं है, हमारा नियंत्रण सिर्फ अदालती कार्यवाही पर है।
इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी। वकील प्रशांत भूषण ने एक एनजीओ की तरफ से पेश होते हुए सीबीआई प्रमुख पर आरोप लगाए हैं कि रंजीत सिन्हा ने 2जी और कोयला घोटाले के कई आरोपियों से अपने घर में मुलाकात की। रंजीत सिन्हा का कहना है कि उन्होंने किसी को फायदा नहीं पहुंचाया।
प्रशांत भूषण को अपने आरोप अदालत में साबित करने होंगे। लेकिन उससे पहले इस मामले के मीडिया कवरेज को बंद करवाने की रंजीत सिन्हा की गुजारिश अदालत ने नहीं मानी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सीबीआई निदेशक के आवास पर आगंतुकों की सूची से जुड़े दस्तावेजों को शपथपत्र के साथ जमा कराया जाए।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि उसने इन दस्तावेजों का अवलोकन किया है। कोर्ट ने गैर सरकारी संगठन के वकील प्रशांत भूषण से कहा कि हलफनामे के साथ इस सामग्री को पेश किया जाए। न्यायाधीशों ने कहा, हमने इन दस्तावेज का अवलोकन किया है। इन्हें रिकॉर्ड में पेश किए जाने तक हम इनका संज्ञान नहीं ले सकते हैं।
इस मामले पर यथाशीघ्र सुनवाई के अनुरोध से सहमति व्यक्त करते हुए न्यायालय ने सोमवार को सामान्य दैनिक कार्य समय से आधा घंटा पहले 10 बजे बैठने का निश्चय किया है। सीबीआई निदेशक ने कोर्ट से कहा कि इस मामले से उनकी प्रतिष्ठा और निजता का अधिकार जुड़ा है, इसलिए न्यायालय को मीडिया पर अंकुश लगाना चाहिए।
रंजीत सिन्हा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने इन दस्तावेज की सत्यता और स्रोत का सवाल उठाया। जांच ब्यूरो के निदेशक ने उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि ऐसे सभी बयान 'पूरी तरह असत्य' हैं, लेकिन न्यायालय ने इन दस्तावेज के आधार पर खबरें प्रसारित और प्रकाशित करने से मीडिया को रोकने से इनकार कर दिया।
(इनपुट भाषा से भी)
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