प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत' नारे के बाद गृह मंत्रालय की ओर से एक बार फिर पैरामिलिट्री कैंटीन में स्वदेशी उत्पादों की बिक्री को लेकर जोर दिया गया है. हालांकि, स्वदेशी उत्पाद को लेकर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आने तक केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की कैंटीनों के लिए सामानों की खरीद के सभी ऑर्डर ‘फिलहाल स्थगित' कर दिए गए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 13 फरवरी को घोषणा की थी कि ऐसी कैंटीन में एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री होगी ताकि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके.
केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडारण निकाय ने हाल में आदेश जारी कर ‘हर तरह की सामग्री के ऑर्डर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया और यह रोक तब तक रहेगी जब तक कि गृह मंत्रालय से स्वदेशी कंपनियों और उत्पादों को लेकर निर्देश नहीं मिल जाता है.'
निकाय ने सभी अर्द्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को सूचना दी है कि जो ऑर्डर दिए जा चुके हैं और जो ‘आपूर्ति होने वाली' है उन्हें स्वीकार किया जाएगा. बहरहाल, पहले दिए गए जिन ऑर्डर को भेजने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, उन्हें रोका किया जा रहा है या फिलहाल रद्द किया जा रहा है. आदेश में कहा गया कि फिलहाल स्टोरेज में रखे गए माल को बेचने पर डरने की जरूरत नहीं है, जो माल नहीं बिका है उसे सप्लायर को वापस लौटाने की जरूरत नहीं है.
केंद्रीय पुलिस कैंटीन में फिलहाल माल सप्लाई के लिए 446 भारतीय और मल्टीनेशनल कंपनियां रजिस्टर्ड हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘स्वदेशी' उत्पादों पर गृह मंत्रालय का आदेश जल्द आने की उम्मीद है. कॉमर्स मिनिस्ट्री के साथ बैठक हो रही है ताकि देखा जा सके कि कैसे ‘मेक इन इंडिया' और दूसरे पहल का फायदा इन कैंटीन के लिए लिया जा सके जिससे घरेलू उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और खादी उद्योग को बढ़ावा मिल सके.'
उन्होंने कहा कि कैंटीन बोर्ड ने सामान तैयार करने वाली अलग-अलग कंपनियों को चिट्ठी लिखकर उन्हें उत्पाद के निर्माण स्थल, कच्चा माल हासिल करने के स्रोत और उत्पाद तैयार करने में क्या किसी आयातित सामान का इस्तेमाल हुआ है, इसकी जानकारी देने को कहा है .
केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन के तहत पूरे देश में 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन (सीपीसी) का संचालन होता है. इसमें किराना का सामान, कपड़े, उपहार सामग्री और वाहन और अन्य सामानों की बिक्री होती है. सीएपीएफ की कैंटीन में सालाना करीब 2,800 करोड़ रुपए का व्यवसाय होता है. इन कैंटीनों के जरिए बल के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवारों को सामानों की बिक्री की जाती है.
CAPF में CRPF, BSF, CISF, ITBP और SSB के अलावा NSG भी शामिल हैं. साल 2006 में कैंटीन के इस नेटवर्क की स्थापना हुई थी. बलों की तैनाती वाली अलग-अलग जगहों पर 119 से ज्यादा मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं