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This Article is From Jul 14, 2021

विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की हार का मामला, HC ने कहा- नंदीग्राम की EVM संरक्षित की जाएंगी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज (बुधवार) शुभेंदु अधिकारी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के लिए इस्तेमाल किए गए कागजात और ईवीएम को संरक्षित और सुरक्षित रखा जाना चाहिए.

विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की हार का मामला, HC ने कहा- नंदीग्राम की EVM संरक्षित की जाएंगी
CM ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ा था. (फाइल फोटो)
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने नंदीग्राम (Nandigram) से विधानसभा चुनाव लड़ा था. बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने उन्हें हरा दिया था. चुनावी फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज (बुधवार) शुभेंदु के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के लिए इस्तेमाल किए गए कागजात और ईवीएम को संरक्षित और सुरक्षित रखा जाना चाहिए.

जस्टिस शम्पा सरकार ने इस मामले में सुनवाई की. इस दौरान मुख्यमंत्री ममजा बनर्जी ऑनलाइन मौजूद रहीं. अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग और रिटर्निंग ऑफिसर को भी नोटिस भेजा जाना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी.

बताते चलें कि न्यायमूर्ति कौशिक चंदा के तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो की चुनावी याचिका पर सुनवाई से अलग होने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने मामले को न्यायमूर्ति शंपा सरकार की पीठ को सौंप दिया था.

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शुभेंदु अधिकारी ने साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से बनर्जी को 1,956 मतों से हराया था. न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने इस मामले में सुनवाई से सात जुलाई को खुद को अलग कर लिया था. जस्टिस चंदा ने इस मामले से उन्हें अलग करने की मांग को लेकर ममता बनर्जी पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया था.

बनर्जी की याचिका में न्यायमूर्ति चंदा के सुनवाई से अलग होने का अनुरोध करते हुए दावा किया गया था कि वह 2015 में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए जाने तक भाजपा के सक्रिय सदस्य थे और चूंकि भाजपा के एक उम्मीदवार के निर्वाचन को चुनौती दी गई है, इसलिए फैसले में पूर्वाग्रह होने की आशंका है.

न्यायमूर्ति चंदा ने कहा था कि वह भाजपा के विधिक प्रकोष्ठ के संयोजक कभी नहीं रहे, लेकिन पार्टी की ओर से अनेक मामलों में कलकत्ता उच्च न्यायालय में पेश हुए थे. बनर्जी के वकील ने उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनकी चुनाव याचिका किसी दूसरी पीठ को सौंपने का अनुरोध किया था.

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