महिलाओं के विवाह की उम्र को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है. जानकारी है कि देश में महिलाओं की शादी करने की वैध उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बताया है कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इसपर फैसला हुआ है. इसके लिए सरकार मौजूदा क़ानूनों में संशोधन लाएगी.
बता देंकि सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल पंद्रह अगस्त पर लाल क़िले से अपने संबोधन में इसका उल्लेख किया था. उन्होंने कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए आवश्यक है कि उनका विवाह उचित समय पर हो. अभी पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 है. अब सरकार इसे मूर्त रूप देने के लिए बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज ऐक्ट और हिंदू मैरिज ऐक्ट में संशोधन लाएगी.
नीति आयोग में जया जेटली की अध्यक्षता में बने टास्क फ़ोर्स ने इसकी सिफारिश की थी. वी के पॉल भी इस टास्क फ़ोर्स के सदस्य थे. इनके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, महिला तथा बाल विकास, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा तथा साक्षरता मिशन और न्याय तथा कानून मंत्रालय के विधेयक विभाग के सचिव टास्क फ़ोर्स के सदस्य थे.
इसका गठन पिछले साल जून में किया गया था और पिछले साल दिसंबर में ही इसने अपनी रिपोर्ट दी थी. टास्क फ़ोर्स का कहना था कि पहले बच्चे का जन्म देते समय उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए. विवाह में देरी का परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
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