प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भारतीय वायुसेना के लिए 73 हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A तथा 10 तेजस Mk-1 ट्रेनर विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी गई. इसमें 45696 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसमें इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के डिजाइन और विकास में होने वाला 1202 करोड़ रुपये का खर्च भी शामिल है.गौरतलब है कि लाइट कॉम्बेट Mk-1A वेरिएंट स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया आधुनिक पीढ़ी का फाइटर प्लेन है. इसे बेंगलुरु के हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके तेजस की खरीद से जुड़ी जानकारी दी.उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft) तेजस आने वाले सालों में IAF के लड़ाकू बेड़े का आधारस्तंभ (backbone) बनने जा रहे हैं. LCA तेजस में ऐसी नई टेक्नोलॉजी शामिल हैं, जिसमें से कई का प्रयास भारत में कभी नहीं हुआ.
The CCS chaired by PM Sh. @narendramodi today approved the largest indigenous defence procurement deal worth about 48000 Crores to strengthen IAF's fleet of homegrown fighter jet ‘LCA-Tejas'. This deal will be a game changer for self reliance in the Indian defence manufacturing.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021
The LCA-Tejas is going to be the backbone of the IAF fighter fleet in years to come. LCA-Tejas incorporates a large number of new technologies many of which were never attempted in India. The indigenous content of LCA-Tejas is 50% in Mk1A variant which will be enhanced to 60%.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021
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हल्का लड़ाकू विमान तेजस, क्रिटिकल ऑपरेशन क्षमता के लिए इलेक्ट्रानिक रूप से स्कैन रडार, बियांड विजुल रेंज (BVR) मिसाइल, इलेक्ट्रानिक वारफेयर सुइट और एयर टू एयर रिफ्यूलिंग जैसी सुविधाओं से सज्जित किया गया है.फिलहाल यह 50 फीसदी देशी है जो बाद में बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा. इस आर्डर से आत्मनिर्भर अभियान को गति मिलेगी.
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कैबिनेट ने एक प्रोजेक्ट के अंतर्गत वायुसेना के संरचनागत विकास (Infrastructure development) को भी मंजूरी दी है ताकि वे अपने बेस डिपो की मरम्मत या सर्विसिंग कर सकें. 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में उन्नत, अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों को स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
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