उपचुनाव : गोमिया और सिल्ली सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा बरकरार

गोमिया में झामुमो की बबिता देवी ने आज्सू के लंबोदर महतो को 1344 मतों से पराजित किया, सिल्ली में झामुमो की सीमा महतो ने आज्सू के सुदेश महतो को 13508 वोटों से हराया

उपचुनाव : गोमिया और सिल्ली सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा बरकरार

प्रतीकात्मक फोटो.

रांची:

झारखंड में झामुमो के दो विधायकों के विभिन्न आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता होने से रिक्त हुए गोमिया तथा सिल्ली विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में मुख्य विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी सीटें बचाने में कामयाब रही.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल ख्यांगते ने बताया कि दोनों सीटों पर झामुमो प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. गोमिया में जहां झामुमो की बबिता देवी ने आज्सू के लंबोदर महतो को कांटे की टक्कर में 1344 मतों से पराजित किया और भाजपा के माधवलाल सिंह तीसरे स्थान पर पिछड़ गए, वहीं सिल्ली में झामुमो की उम्मीदवार सीमा महतो ने आज्सू के अध्यक्ष सुदेश महतो को 13508 मतों से पराजित कर यह सीट झामुमो के पास बरकरार रखी. यह सुदेश महतो की सिल्ली में दिसंबर, 2014 के चुनाव के बाद लगातार दूसरी हार है जो आज्सू अध्यक्ष के रूप में उनके लिए बड़ा झटका है.

सिल्ली सीट पर जहां झामुमो की उम्मीदवार सीमा को कुल 77121 मत प्राप्त हुए वहीं आज्सू अध्यक्ष को 63613 ही मत प्राप्त हुए. गोमिया सीट पर झामुमो की प्रत्याशी बबिता देवी को कुल 60551 मत प्राप्त हुए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी आज्सू के लंबोदर महतो को 59207 मत प्राप्त हुए. भाजपा के माधवलाल सिंह तीसरे स्थान पर पिछड़ गए और उन्हें सिर्फ 42037 मत प्राप्त हुए.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो विधायकों को अलग-अलग आपराधिक मामलों में दोषी करार दिए जाने और दो वर्ष की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई थी जिसके बाद ये दोनों सीटें रिक्त हो गई थीं. भाजपा ने गोमिया सीट पर और सरकार में उसकी सहयोगी आज्सू ने गोमिया के साथ सिल्ली में भी जमकर पसीना बहाया था. दोनों सीटों पर जहां विपक्षी दलों ने एकजुटता के साथ झामुमो को समर्थन दिया वहीं सत्ता पक्ष के दोनों दल भाजपा और आज्सू गोमिया सीट पर आमने-सामने खड़े रहे जिसका दुष्परिणाम उन्हें भुगतना पड़ा.

भाजपा ने इसे जहां राज्य को लूटने वालों के गठजोड़ की जीत बताया है वहीं मुख्य विपक्षी झामुमो एवं कांग्रेस ने इसे विपक्षी एकता के पक्ष में तथा भाजपा के अहंकार के खिलाफ जनादेश बताया है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने दोनों विधानसभा सीटों पर झामुमो की जीत को अधिक महत्व न देने की बात करते हुए कहा कि दोनों सीटें पहले से ही झामुमो के पास थीं. यद्यपि उन्होंने सत्ताधारी गठबंधन में इस उपचुनाव में पड़ी फूट के बारे में चिंतन पर अवश्य बल दिया.

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दूसरी ओर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने इसे विपक्षी एकता की जीत बताया और कहा कि इसकी आंच दिल्ली तक जाना तय है. राज्य की दो विधानसभा सीटों के परिणाम आने से सदन में विभिन्न दलों की सदस्य संख्या पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि झामुमो के पास पहले से ही ये दोनों सीटें थीं.
(इनपुट भाषा से)


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