बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Violence) के आरोपियों को जमानत मिलने पर हुए भव्य स्वागत को लेकर इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पत्नी ने जो बाते कहीं उन्हें सुनकर पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह की आखें छलक आईं. एनडीटीवी के कार्यक्रम 'खबरों की खबर' में चर्चा के दौरान सुबोध की पत्नी ने जब कहा कि जिनको पत्थर मारना था उन्हें फूल मालाएं पहनाई जा रही हैं और जिन्हें मालाएं पहनानी थी उन्हें पत्थरों से मार-मारकर मार डाला गया. ये देखकर आज मन बहुत दुखी है. तो ये सुनकर पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह भावुक हो उठे. शहीद की पत्नी का ये हाल देखकर वे आंसुओं को नहीं रोक पाए और उन्होंने इंस्पेक्टर सुबोध के परिवार को हर संभव मदद का वादा किया है.
पिछले साल दिसंबर में गोकशी की खबर को लेकर बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध की भीड़ ने हत्या कर दी थी. इस घटना के आरोपियों के जमानत पर रिहा होने पर उनके फूलमालाओं से स्वागत का वीडियो वायरल होने के बाद सुबोध के परिजनों नाराज हैं. उन्होंने सरकार से ऐसे अराजक तत्वों को सलाखों के पीछे ही रखने की मांग की है. सुबोध सिंह की पत्नी ने कहा कि इस फैसले से मैं बेहद दुखी हूं, मुझे नहीं समझ आ रहा कि किस आधार पर उन आरोपियों को जमानत पर रिहा किया गया. सुबोध सिंह की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि रिहा हुए आरोपियों की जमानत को निरस्त किया जाए और जेल में दोबारा भेजा जाए.
सिंह के बेटे श्रेय सिंह ने कहा कि ऐसे अपराधी तत्वों को सलाखों के पीछे ही रखना ठीक है. 'मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह करता हूं कि इन अपराधियों को समाज के हित में जेल में ही रखा जाना चाहिये. मेरा मानना है कि ऐसे लोगों का बाहर रहना ना सिर्फ मेरे लिये बल्कि दूसरे लोगों के लिये भी खतरनाक है.'
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इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का स्वागत किए जाने की घटना से सत्तारूढ़ भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर किसी के समर्थक और रिश्तेदार जेल से छूटने पर उसका स्वागत करते हैं तो इससे सरकार और भाजपा का क्या लेना-देना है? विपक्ष को ऐसी चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.
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