यूपी के बुलंदशहर में गैंगरेप की मां-बेटी के परिवार ने कार्रवाई न होने खुदकुशी की चेतावनी दी
बुलंदशहर:
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में शुक्रवार की रात हाईवे के पास कार से खींचकर गैंगरेप की शिकार हुई महिला और उसकी 14 वर्षीय बेटी का बुरा ख्वाब पुलिस और डॉक्टरों के आने के बाद भी खत्म नहीं हुआ.
इस घटना से सहमा और बुरी तरह टूट चुका परिवार जब पास के सरकारी अस्पताल पहुंचा, तो वहां मौजूद महिला डॉक्टर के संवेदनहीन रवैये से उनका आघात और गहरा हो गया. 35 वर्षीय रेप पीड़िता ने एनडीटीवी को बताया, 'मेरा पूरा शरीर कट-छिल गया था... मेरी बेटी को खून निकल रहा था... लेकिन डॉक्टर को हम पर यकीन नहीं हुआ. उसने कहा कि हम उसकी ऐसी हालत के बारे में झूठ बोल रहे हैं.'
डॉक्टरों ने बुरी तरह घायल और डरी हुई उस लड़की को कथित रूप से 'कोने में शांति से बैठने' को कहा. पीड़ित लड़की के चाचा बताते हैं, 'महिलाएं पहले से सदमे में थी. वे नहीं जानती थी कि ऐसे रूखे व्यवहार पर क्या करें.'
हमले के शिकार इस परिवार को पुलिस से भी कोई मदद नहीं मिली. लड़की के पिता बताते हैं कि वह 15 मिनट तक 100 नंबर पर पुलिस को फोन करते रहे, लेकिन या तो नंबर बिजी आता या फिर उधर से कोई जवाब नहीं मिलता. परिवार पर देर रात करीब 1.30 बजे हमला हुआ था, जबकि पुलिस सुबह 5 बजे के बाद हुई घटनास्थल पर पहुंची.
पीड़िता के चाचा बताते हैं, 'पुलिस को घटनास्थल पर टीम भेजने के लिए मनाने में हमें घंटों लग गए. और आखिर में जब वे पहुंचे तो हमारी बात पर यकीन ही नहीं कर रहे थे. केस दर्ज करने के लिए हमें उनसे मिन्नतें करनी पड़ी.'
घटना के तीन बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार के पास कोई जगह नहीं, जहां वे जाकर रह सके, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि वह नोएडा स्थित अपने घर लौटने की हालत में हैं. रेप की शिकार महिला के पति कहते हैं, 'मुझे नहीं पता कि हम अपने दोस्तों और पड़ोसियों का कैसे सामना करेंगे... मीडिया वाले हमारे दरवाजे पर होंगे और लोगों को हमारे साथ हुई घटना का पता होगा. एक दोस्त के घर हम लोग रह रहे थे, उसने भी हमसे जाने को कह दिया है.' वह दर्द में डूबी आवाज में बोलते हैं, 'आपको पता है उन्होंने मेरी बेटी के साथ क्या किया... या तो उन्हें फांसी चढ़ाओ या फिर हम खुद को फांसी लगा लेंगे.'
गौरतलब है कि पुलिस ने परिवार द्वारा पहचाने गए आरोपियों में तीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पांच अन्य आरोपी लापता है.
इस घटना से सहमा और बुरी तरह टूट चुका परिवार जब पास के सरकारी अस्पताल पहुंचा, तो वहां मौजूद महिला डॉक्टर के संवेदनहीन रवैये से उनका आघात और गहरा हो गया. 35 वर्षीय रेप पीड़िता ने एनडीटीवी को बताया, 'मेरा पूरा शरीर कट-छिल गया था... मेरी बेटी को खून निकल रहा था... लेकिन डॉक्टर को हम पर यकीन नहीं हुआ. उसने कहा कि हम उसकी ऐसी हालत के बारे में झूठ बोल रहे हैं.'
डॉक्टरों ने बुरी तरह घायल और डरी हुई उस लड़की को कथित रूप से 'कोने में शांति से बैठने' को कहा. पीड़ित लड़की के चाचा बताते हैं, 'महिलाएं पहले से सदमे में थी. वे नहीं जानती थी कि ऐसे रूखे व्यवहार पर क्या करें.'
हमले के शिकार इस परिवार को पुलिस से भी कोई मदद नहीं मिली. लड़की के पिता बताते हैं कि वह 15 मिनट तक 100 नंबर पर पुलिस को फोन करते रहे, लेकिन या तो नंबर बिजी आता या फिर उधर से कोई जवाब नहीं मिलता. परिवार पर देर रात करीब 1.30 बजे हमला हुआ था, जबकि पुलिस सुबह 5 बजे के बाद हुई घटनास्थल पर पहुंची.
पीड़िता के चाचा बताते हैं, 'पुलिस को घटनास्थल पर टीम भेजने के लिए मनाने में हमें घंटों लग गए. और आखिर में जब वे पहुंचे तो हमारी बात पर यकीन ही नहीं कर रहे थे. केस दर्ज करने के लिए हमें उनसे मिन्नतें करनी पड़ी.'
घटना के तीन बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार के पास कोई जगह नहीं, जहां वे जाकर रह सके, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि वह नोएडा स्थित अपने घर लौटने की हालत में हैं. रेप की शिकार महिला के पति कहते हैं, 'मुझे नहीं पता कि हम अपने दोस्तों और पड़ोसियों का कैसे सामना करेंगे... मीडिया वाले हमारे दरवाजे पर होंगे और लोगों को हमारे साथ हुई घटना का पता होगा. एक दोस्त के घर हम लोग रह रहे थे, उसने भी हमसे जाने को कह दिया है.' वह दर्द में डूबी आवाज में बोलते हैं, 'आपको पता है उन्होंने मेरी बेटी के साथ क्या किया... या तो उन्हें फांसी चढ़ाओ या फिर हम खुद को फांसी लगा लेंगे.'
गौरतलब है कि पुलिस ने परिवार द्वारा पहचाने गए आरोपियों में तीन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पांच अन्य आरोपी लापता है.
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