नई दिल्ली:
जन लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे के सहयोगियों की ओर से दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी का समर्थन हासिल करने की कोशिश फिलहाल नाकाम साबित हुई है। बुखारी का कहना है कि हजारे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में दिए अपने बयान पर सफाई दें, इसके बाद वह उनके आंदोलन को समर्थन देने के बारे में सोचेंगे। टीम अन्ना की प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने सोमवार रात बुखारी से मुलाकात की थी और उनसे आंदोलन को समर्थन देने का आग्रह किया। इस दौरान टीम अन्ना के एक अन्य प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल ने बुखारी से फोन पर बात की। यह मुलाकात शाही इमाम के उस बयान की पृष्ठभूमि में हुई, जिसमें उन्होंने मुसलमानों से अपील की थी कि वे हजारे के आंदोलन से दूर रहें। बुखारी ने कहा, मैं तब तक अन्ना के आंदोलन का समर्थन नहीं करूंगा, जब तक कुछ बातें उनकी ओर से स्पष्ट नहीं हो जातीं। सबसे पहले अन्ना को नरेंद्र मोदी की तारीफ में दिए अपने बयान पर सफाई देनी चाहिए। इसी साल जन लोकपाल को लेकर अपने पहले अनशन खत्म होने के बाद 10 अप्रैल को हजारे ने मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से किए गए ग्रामीण विकास के कार्यों की तारीफ की थी। बुखारी ने उनके इसी बयान पर सफाई मांगी है। बुखारी ने कहा, वर्ष 2002 में जब गुजरात जल रहा था तो अन्ना हजारे आगे क्यों नहीं आए? देश का मुसलमान सांप्रदायिकता से परेशान से है और उन्हें इसके खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए।
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