मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाने के बाद कांग्रेस को भविष्य की राजनीति में अपनी दावेदारी और मजबूत होने की उम्मीद जगी थी लेकिन मौजूदा दौर की सुगबुगाहट कांग्रेस की उम्मीदों पर संशय के बादल मंडराते दिख रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सपा व बसपा ने गठबंधन का फार्मूला तैयार कर लिया है. इस गठबंधन से कांग्रेस को दूर रखने की तैयारी है, हालांकि, बसपा मुखिया मायावती के सहयोगी इस जानकारी को खारिज करते नजर आ रहे हैं.
बीएसपी नेता सतीश मिश्र ने इन रिपोर्ट्स पर हैरानी जताते हुए कहा ''अखबार और टीवी में जिस गठबंधन की जानकारी दी जा रही है, हमें नहीं पता कि वह किन सूत्रों के हवाले से यह बता रहे हैं. ऐसी कोई भी चर्चा नहीं हुई. इस मुद्दे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है.
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बीएसपी नेता और मायावती के बेहद करीबी कहे जाने वाले सतीश मिश्र से जब मायावती के जन्मदिन पर 'गैर-बीजेपी' और 'गैर-कांग्रेसी' मेहमानों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने एक बार फिर इसे गलत करार दे दिया. उन्होंने कहा ''न तो कभी ऐसा हुआ है और न ही ऐसा कभी होगा. जन्मदिन का आयोजन कभी भी इस तरह से नहीं किया गया. मायावती के जन्मदिन पर सबके लिए दरवाजे खुले रहते हैं. जो शुभकामनाएं देना चाहें वह आ सकते हैं. इसके लिए कोई आमंत्रण नहीं भेजा जाता है.''
वहीं इससे पहले कहा जा रहा था कि सपा और बसपा ने गठबंधन का फार्मूला तैयार कर लिया गया है. जिसमें कांग्रेस को जगह नहीं दी गई है. जबकि आरएलडी को कुछ सीटों देने पर रजामंदी बनी है. वहीं अन्य कुछ दल जैसे कि निषाद पार्टी और पीस पार्टी को भी कुछ सीटें देने पर चर्चा की जा रही है.
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बता दें कि 15 जनवरी को बीएसपी सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन होता है. इस दिन भारी संख्या पार्टी के कार्यकर्ता मायावती को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन मायावती एक ब्लू बुक भी जारी करती हैं जिसमें हर साल के उनके काम और बीएसपी के वैचारिक नजरिए सामने रखे जाते हैं.
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