सन 1970 में 14 जून को जन्मे विजय सरदेसाई (Vijay Sardesai) गोवा (Goa) के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. वह इससे पहले सरकार के कैबिनेट मंत्री थे. फतोरदा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सरदेसाई गोवा फारवर्ड पार्टी ( Goa Forward Party) के नेता हैं. उनके पास फिलहाल टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, कृषि, संग्रहालय और पुरातत्व विभाग हैं. इसके अलावा फैक्ट्री और बॉयलर का विभाग भी उनके पास है.
अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जन्मे 48 साल के विजय सरदेसाई के माता-पिता जयवंत और लक्ष्मीबाई सरदेसाई हैं. जयवंत सरदेसाई वैज्ञानिक थे और संयुक्त राष्ट्र के तहत सेवारत थे. विजय सावंत की दो बहनों में से एक सविता केरकर हैं और दूसरी माधवी सरदेसाई का निधन हो चुका है. उनकी पत्नी उषा सरदेसाई हैं और उनकी एक बेटी उर्वी है.
विजय सरदेसाई ने सन 1992 में डॉ बाबासाहब सावंत कोंकण कृषि विद्यापीठ से एग्रीकल्चर में बीएससी की थी. वे रियल इस्टेट का व्यवसाय करते हैं. सरदेसाई प्रोग्रेसिव गोवा रेस्टलिंग एसोसिएशन और गोवा डॉजबाल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. सरदेसाई ने मरणोपरांत अपने नेत्र दान करने का शपथ पत्र भरा है.
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गोवा में छात्र जीवन के दौरान राजनीति में कदम रखने वाले विजय सरदेसाई गोवा यूनिवर्सिटी स्टुडेंट काउंसिल के चेयरमैन रहे हैं. मुख्य धारा की राजनीति में आने पर उन्होंने कांग्रेस को अपनाया और गोवा प्रदेश नेशनल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने. बाद में वे मार्गो म्युनिसिपल काउंसिल में पार्षद भी चुने गए.
सन 2012 के विधानसभा चुनाव में विजय सरदेसाई ने फतोरदा सीट पर कांग्रेस से उम्मीदवारी कबूल नहीं की और पार्टी त्याग दी. वे निर्दलीय चुनाव लड़े और उन्होंने जीत हासिल की.
निर्दलीय विधायक के रूप में वे विपक्ष के तेजतर्रार नेता के रूप में मशहूर हो गए. न सिर्फ विधानसभा के अंदर, विधानसभा के बाहर आम लोगों के बीच भी वे लोकप्रिय बन गए. सन 2015 में मार्गो म्युनिसिपल काउंसिल के चुनाव में सरदेसाई के पैनल ने विजय हासिल कर ली. सरदेसाई पर उनके विरोधियों ने लुईस बर्जर रिश्वत घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया, लेकिन आरोप अप्रमाणित नहीं हुए.
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गोवा फॉरवर्ड पार्टी की स्थापना 25 जनवरी 2016 को हुई. हालांकि सरदेसाई पार्टी के संरक्षक थे, लेकिन वे एंटी-डिफेक्शन लॉ के कारण आधिकारिक रूप से इसमें शामिल नहीं हुए. उन्होंने 16 जनवरी 2017 को गोवा फॉरवर्ड पार्टी ज्वाइन की और गोवा विधानसभा का चुनाव लड़ा. उनकी पार्टी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से तीन पर उन्हें जीत मिली.
गोवा के 2017 के चुनाव में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हो सका. कांग्रेस को सबसे अधिक 17 सीटें और बीजेपी को 13 सीटें मिलीं. सरदेसाई और उनकी पार्टी के दो अन्य विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया. यह समर्थन इस शर्त के साथ दिया गया कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को बनाया जाएगा. इस चुनाव में सरदेसाई ने कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाया जिसकी आलोचना हुई. यहां तक कि उनके कुछ समर्थक भी इसके पक्ष में नहीं थे.
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बीजेपी को सरकार के गठन के लिए समर्थन देने पर गोवा फारवर्ड पार्टी के अध्यक्ष प्रभाकर टिंबले ने इस्तीफा दे दिया. सरदेसाई को 14 मार्च 2017 को मनोहर पर्रिकर सरकार में मंत्री बनाया गया.
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