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This Article is From Aug 26, 2020

बॉयफ्रेंड के खिलाफ दर्ज कराई थी रेप की झूठी शिकायत, हाईकोर्ट ने महिला पर लगाया 25 हजार का जुर्माना

महिला ने 16 मार्च को अपने पुरुष मित्र के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी कि उसने नशीला पदार्थ खिलाकर उससे दुष्कर्म किया है. इसके बाद पिछले माह शिकायतकर्ता ने मामले को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया और कहा कि उसने परिवार के दबाव में आकर शिकायत दर्ज कराई थी. 

बॉयफ्रेंड के खिलाफ दर्ज कराई थी रेप की झूठी शिकायत, हाईकोर्ट ने महिला पर लगाया 25 हजार का जुर्माना
हाईकोर्ट बेंच ने महिला को महाराष्ट्र पुलिस कल्याण कोष में राशि जमा करने के निेर्देश दिए (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंंबई:

बंबई हाईकोर्ट (Bombay high court) ने एक महिला पर अपने पुरुष मित्र (boyfriend)के खिलाफ दुष्कर्म की झूठी शिकायत (False rape complaint) दर्ज कराने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना (Rs 25,000 Fine) लगाते हुए मामले का निपटारा कर दिया. महिला ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा था कि वह इस मामले को आगे नहीं ले जाना चाहती. जस्टिस आरडी धानुका एवं जस्टिस वीजी बिष्ट की बेंच ने मंगलवार को महिला को महाराष्ट्र पुलिस कल्याण कोष में चार सप्ताह के भीतर 25 हजार रुपए जमा कराने के निर्देश दिए. बेंच ने कहा कि अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो पुरुष के खिलाफ दर्ज FIR को खारिज करने का उसका आदेश वापस हो जाएगा.

रेप की झूठी शिकायत करने पर कोर्ट ने महिला पर ठोका 50 हजार का जुर्माना

बता दें, महिला ने 16 मार्च को अपने पुरुष मित्र के खिलाफ पालघर जिले के नालासोपारा पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई थी कि उसने नशीला पदार्थ खिला कर उससे दुष्कर्म किया है. इसके बाद पिछले माह शिकायतकर्ता ने मामले को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया और कहा कि उसने परिवार के दबाव में आकर शिकायत दर्ज कराई थी. महिला ने अपनी याचिका में कहा कि उसके पुरुष के साथ संबंध हैं लेकिन जब उसके परिवार को इसका पता चला तो उसने कहानी गढ़ दी कि पुरुष ने उससे दुष्कर्म किया है. 

याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा कामत पाई ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और इस पर आरोपपत्र दाखिल करेगीं. उन्होंने कहा कि अगर अदालत FIR रद्द करना चाहती है तो महिला पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए. अदालत ने इस दलील को स्वीकार करते हुए कहा,‘‘हमारे विचार से याचिकाकर्ता का मामला सिर्फ इस पर स्वीकार नहीं किया जा सकता कि उसने परिवार के सदस्यों के दबाव में आकर शिकायत दर्ज कराई थी.'' कोर्ट ने कहा,‘‘ अब चूंकि याचिकाकर्ता शिकायत को आगे नहीं ले जाना चाहती है तो हम FIR को रद्द करते हैं लेकिन इस शर्त पर कि याचिकाकर्ता महाराष्ट्र पुलिस कल्याण कोष में चार सप्ताह के भीतर 25,000 रुपए जमा कराए.''
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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