यह ख़बर 24 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कुछ संशोधनों के साथ खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित कराना चाहती है भाजपा

खास बातें

  • खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में मुख्य विपक्षी दल की ओर से बाधा डाले जाने के सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए भाजपा ने कहा कि वह भारत के सभी नागरिकों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने के लि
नई दिल्ली:

खाद्य सुरक्षा और भूमि अधिग्रहण से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में मुख्य विपक्षी दल की ओर से बाधा डाले जाने के संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए भाजपा ने गुरुवार को कहा कि वह भारत के सभी नागरिकों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘‘भाजपा भारत के सभी नागरिकों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हम कुछ संशोधनों के साथ खाद्य सुरक्षा विधेयक पास करवाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, लेकिन कल कांग्रेस ने देश की खाद्य सुरक्षा की दयनीय स्थिति को लेकर भाजपा को आरोपित करने का जो प्रयास किया है वह सर्वथा अनुचित है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक में ही स्वीकार किया गया है कि देश की दो तिहाई जनसंख्या को आज खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता है।

त्रिवेदी ने कहा, ‘‘भाजपा यह जानना चाहती है कि आजादी के बाद 66 साल में से 56 साल किसकी हुकूमत रही। इतने लंबे समय के बाद भी विश्व के सबसे उपजाऊ कृषि योग्य क्षेत्रों में से गिने जाने वाले भारत में अगर आज भी दो तिहाई जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा की जरूरत है तो इसके लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।’’

संप्रग-2 सरकार के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर कल आयोजित एक कार्यक्रम में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद की कार्यवाही बाधित करने और महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित नहीं होने देने के लिए भाजपा पर निशाना साधा था।

सोनिया ने कहा था, ‘‘मैं मुख्य विपक्षी दल द्वारा संसद की कार्यवाही बाधित करने के तरीके पर अपनी गहन निराशा की भावना को छिपा नहीं सकती। ..इससे हम महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित नहीं करा सके।’’

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