अमित शाह (फाइल फोटो)
पटना:
बीजेपी आज से बिहार में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेगी। राजधानी पटना में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
भाजपा के महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने बताया कि ये रथ हर दिन 10 गांव जाएंगे और पार्टी की ऑडियो और वीडियो प्रचार सामग्रियों से जनता तक अपनी बात पंहुचाएंगे।
बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी शामिल होंगे। प्रचार के लिए पार्टी की ओर से 160 रथ तैयार किए गए हैं, जो हर रोज 10 अलग-अलग गांवों में जाकर पार्टी का प्रचार करेंगे।
पार्टी की रणनीति सितंबर-अक्टूबर में होने वाले चुनावों से पहले 30 हजार पब्लिक मीटिंग करने की है। इसके अलावा पार्टी बिहार में 80 लाख नए सदस्य बनाने की भी तैयारी में है।
पार्टी के सचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया कि राजग का प्रचार अभियान ‘‘गरीब समर्थक नरेन्द्र मोदी सरकार की मुहिम और भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश सरकार के कुशासन’’ के दोहरे संदेश पर आधारित होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के सामने इस बात को रखेगी कि जदयू-राजद और उनसे हाथ मिलाने वाली कांग्रेस को वोट देना लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के तहत चले 15 साल के कथित ‘जंगल राज’ की वापसी का खतरा मोल लेना होगा।
शर्मा ने बताया कि पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में लालू को सजा होने और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय हुए घोटालों को भी मुद्दे बनाएगी।
भाजपा इस बात को भी मतदाताओं के सामने रखेगी कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद कथित तौर पर नीतीश के शासन में राज्य की विकास दर और प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसे चरमरा गई।
पार्टी का मनोबल हाल में हुए बिहार विधान परिषद के चुनाव में मिली सफलता से काफी बढ़ा है।
वैसे भाजपा ने फैसला किया है कि वह चुनाव से पहले किसी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं करेगी और मोदी के आकर्षण का सहारा लेगी।
(इनपुट्स भाषा से भी)
भाजपा के महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने बताया कि ये रथ हर दिन 10 गांव जाएंगे और पार्टी की ऑडियो और वीडियो प्रचार सामग्रियों से जनता तक अपनी बात पंहुचाएंगे।
बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी शामिल होंगे। प्रचार के लिए पार्टी की ओर से 160 रथ तैयार किए गए हैं, जो हर रोज 10 अलग-अलग गांवों में जाकर पार्टी का प्रचार करेंगे।
पार्टी की रणनीति सितंबर-अक्टूबर में होने वाले चुनावों से पहले 30 हजार पब्लिक मीटिंग करने की है। इसके अलावा पार्टी बिहार में 80 लाख नए सदस्य बनाने की भी तैयारी में है।
पार्टी के सचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया कि राजग का प्रचार अभियान ‘‘गरीब समर्थक नरेन्द्र मोदी सरकार की मुहिम और भाजपा से नाता तोड़ने के बाद नीतीश सरकार के कुशासन’’ के दोहरे संदेश पर आधारित होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के सामने इस बात को रखेगी कि जदयू-राजद और उनसे हाथ मिलाने वाली कांग्रेस को वोट देना लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के तहत चले 15 साल के कथित ‘जंगल राज’ की वापसी का खतरा मोल लेना होगा।
शर्मा ने बताया कि पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में लालू को सजा होने और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय हुए घोटालों को भी मुद्दे बनाएगी।
भाजपा इस बात को भी मतदाताओं के सामने रखेगी कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद कथित तौर पर नीतीश के शासन में राज्य की विकास दर और प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसे चरमरा गई।
पार्टी का मनोबल हाल में हुए बिहार विधान परिषद के चुनाव में मिली सफलता से काफी बढ़ा है।
वैसे भाजपा ने फैसला किया है कि वह चुनाव से पहले किसी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं करेगी और मोदी के आकर्षण का सहारा लेगी।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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