कांग्रेस नेता जयराम रमेश की फाइल फोटो
भुवनेश्वर:
कांग्रेस के वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक के विरोध में होने के आरोपों को खारिज करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि वास्तव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके खिलाफ हैं।
रमेश ने यह दावा करते हुए बीजेपी नेताओं से कहा है कि वह झूठ फैलाने से बाज आएं। उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि बीजेपी, नरेंद्र मोदी और अमित शाह जीएसटी नहीं चाहते हैं, लेकिन वह इसका दोष कांग्रेस पर डाल रहे हैं।' इससे पहले केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कांग्रेस पर जीएसटी विधेयक को रोकने का आरोप लगाया था।
रमेश ने दावा किया कि जीएसटी विधेयक इसलिए पारित नहीं हो पा रहा है कि क्योंकि पीएम मोदी इसके पक्ष में नहीं है। गुजरात में बीजेपी की सरकार ने भी इसका विरोध किया था। रमेश ने संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस पूरी तरह स्पष्ट कर चुकी है कि वह जीएसटी विधेयक के खिलाफ नहीं है। हम इसे जितनी जल्दी हो सके पारित कराना चाहते हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के समय ही इसे संसद में पेश किया गया था।'
विधेयक को पारित कराने के लिए केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात सहित केंद्र सरकार द्वारा विधेयक को पारित कराने के तमाम प्रयासों को उन्होंने 'ढकोसला और ड्रामा' करार दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा विधेयक को 'बेहतर और सरल कर' बनाने के लिए कांग्रेस इसमें केवल तीन बदलाव चाहती है। इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा न कि उद्योगों को।
रमेश ने मौजूदा जीएसटी विधेयक को ना तो अच्छा विधेयक बताया और ना ही सरल, बल्कि केवल एक कर वाला विधेयक बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसमें 18 प्रतिशत कर सीमा की मांग कर रही है। इसके अलावा एक प्रतिशत अतिरिक्त कर को हटाने तथा राज्यों के बीच या फिर राज्य और केंद्र के बीच विवाद के निपटारे के लिए एक न्यायायिक संस्था बनाने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही इन तीनों मांगों पर सहमति बनती है और इस बारे में जरूरी सुधार कर लिए जाते हैं, कांग्रेस चाहेगी कि जीएसटी विधेयक को जितनी जल्दी संभव हो पारित कर लिया जाए। उन्होंने कहा लेकिन सरकार ने इन प्रस्तावों पर अभी तक सकारात्मक जवाब नहीं दिया है।
रमेश ने यह दावा करते हुए बीजेपी नेताओं से कहा है कि वह झूठ फैलाने से बाज आएं। उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि बीजेपी, नरेंद्र मोदी और अमित शाह जीएसटी नहीं चाहते हैं, लेकिन वह इसका दोष कांग्रेस पर डाल रहे हैं।' इससे पहले केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कांग्रेस पर जीएसटी विधेयक को रोकने का आरोप लगाया था।
रमेश ने दावा किया कि जीएसटी विधेयक इसलिए पारित नहीं हो पा रहा है कि क्योंकि पीएम मोदी इसके पक्ष में नहीं है। गुजरात में बीजेपी की सरकार ने भी इसका विरोध किया था। रमेश ने संवाददाताओं से कहा, 'कांग्रेस पूरी तरह स्पष्ट कर चुकी है कि वह जीएसटी विधेयक के खिलाफ नहीं है। हम इसे जितनी जल्दी हो सके पारित कराना चाहते हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के समय ही इसे संसद में पेश किया गया था।'
विधेयक को पारित कराने के लिए केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात सहित केंद्र सरकार द्वारा विधेयक को पारित कराने के तमाम प्रयासों को उन्होंने 'ढकोसला और ड्रामा' करार दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा विधेयक को 'बेहतर और सरल कर' बनाने के लिए कांग्रेस इसमें केवल तीन बदलाव चाहती है। इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा न कि उद्योगों को।
रमेश ने मौजूदा जीएसटी विधेयक को ना तो अच्छा विधेयक बताया और ना ही सरल, बल्कि केवल एक कर वाला विधेयक बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसमें 18 प्रतिशत कर सीमा की मांग कर रही है। इसके अलावा एक प्रतिशत अतिरिक्त कर को हटाने तथा राज्यों के बीच या फिर राज्य और केंद्र के बीच विवाद के निपटारे के लिए एक न्यायायिक संस्था बनाने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही इन तीनों मांगों पर सहमति बनती है और इस बारे में जरूरी सुधार कर लिए जाते हैं, कांग्रेस चाहेगी कि जीएसटी विधेयक को जितनी जल्दी संभव हो पारित कर लिया जाए। उन्होंने कहा लेकिन सरकार ने इन प्रस्तावों पर अभी तक सकारात्मक जवाब नहीं दिया है।
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