बिहार में राजनीतिक हंगामा जारी है। 20 तारीख को होने वाले विश्वास मत में बीजेपी बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का समर्थन कर सकती है। बीजेपी सूत्रों के हवाले से मिली ख़बर के मुताबिक ज़्यादातर बीजेपी विधायक मांझी को समर्थन देने के पक्ष में हैं लेकिन इस बारे में अंतिम फ़ैसला विधानसभा में ही लिया जाएगा। बुधवार को इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक दल की एक बैठक हुई जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
वहीं, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार की सुबह अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्होंने विधायकों से समर्थन मांगा है, पार्टी से नहीं।
पटना में बीजेपी विधायक दल की बुधवार शाम बैठक हुई। बैठक में विधानसभा में मुख्यमंत्री मांझी के बहुमत साबित करने के दौरान समर्थन देने के मामले पर चर्चा की गई। बैठक के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में अधिकांश विधायक मांझी सरकार को सदन में समर्थन देने के पक्ष में दिखे। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर गुरुवार को भी बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसके बाद ही कोई औपचारिक घोषणा की जाएगी।
आपको बता दें कि राज्य में विधायकों को एकजुट रखने के लिए भोज की राजनीति चरम पर है. जेडीयू और उसके समर्थक दल अपने विधायकों को एकजुट रखने की पूरी कोशिश में हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मांझी या उनके समर्थकों की ओर से ऐसे किसी भोज की खबर नहीं है।
मंगलवार 17 फरवरी को जेडीयू ने मांझी समर्थक सभी मंत्रियों को पार्टी से निकाल दिया था। पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने खुद यह घोषणा की थी। जिन मंत्रियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई, उनमें नरेंद्र सिंह, वृषण पटेल, महाचंद्र सिंह, नीतीश मिश्रा, शाहिद अली खान, भीम सिंह और सम्राट चौधरी शामिल हैं।
हाईकोर्ट ने मांझी सरकार को निर्णय लेने की अनुमति दी
पटना हाईकोर्ट ने अपने पूर्व में दिए गए आदेश में बुधवार को सुधार करते हुए जीतन राम मांझी सरकार को निर्णय लेने की अनुमति दे दी, लेकिन उस पर अमल 21 फरवरी तक स्थगित रखने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायधीश एल नरसिंहा रेड्डी और न्यायमूर्ति विकास जैन की खंडपीठ ने बिहार विधान परिषद में जदयू के सदस्य नीरज कुमार की जनहित याचिका पर आज यह आदेश दिया। गौरतलब है कि गत 16 फरवरी को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति समरेंद्र प्रताप सिंह ने मांझी सरकार को आदेश दिया था कि वह दैनिक मामलों से इतर ऐसा कोई फैसला न लें जिनके आर्थिक परिणाम हों।
बिहार में कोई संवैधानिक संकट नहीं: राज्यपाल
बिहार के कार्यवाहक राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने कहा है कि बिहार में कोई संवैधानिक संकट नहीं है और 20 फरवरी को प्रस्तावित विश्वास मत के बारे में कानून बहुत स्पष्ट है। त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा, ‘संवैधानिक संकट कहां है? इस बिन्दु पर कानून बहुत स्पष्ट है। बहुमत का फैसला सदन के पटल पर होना है और बहुमत पर फैसले की तारीख 20 फरवरी है। कोई हार सकता है, कोई जीत सकता है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कुर्सी फिर से हासिल करने की जल्दबाजी में हैं, त्रिपाठी ने कहा, ‘यह सवाल नीतीश कुमार से पूछिए।’
एक नज़र बिहार विधानसभा की ताज़ा तस्वीर पर...
बिहार विधानसभा
(अभी 233 विधायक)
बहुमत-117
-जेडीयू- 99
-मांझी गुट- 12
-बीजेपी- 87
-आरजेडी-24
-कांग्रेस-5
-निर्दलीय-5
-सीपीआई-1
-खाली-10
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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