फाइल फोटो : शत्रुघ्न सिन्हा
पटना:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार के एकदिवसीय बिहार दौरे के बाद बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अचानक मुलाकात की। सिन्हा और कुमार के बीच मुलाकात मुख्यमंत्री आवास में हुई। बैठक के बाद सिन्हा ने नीतीश को बिहार का 'बेस्ट सीएम' बताया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को विकास पुरुष की उपाधि भी दी।
बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पूर्व बिहारी बाबू और नीतीश की यह मुलाकात सियासी मायनों में काफी अहम भी मानी जा रही है। दरअसल, शत्रुघ्न सिन्हा पिछले लंबे समय से पार्टी से नाराज़ भी दिख रहे हैं और ऐसे में उनका विपक्षी पार्टी के सीएम से मिलना कई राजनीतिक कयासों को भी जन्म देता है।
हालांकि सिन्हा ने इस मुलाकात को तवज्जो नहीं दी। सिन्हा ने बताया, 'यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी और मैं उन्हें राज्य का अभिभावक मानता हूं।' भाजपा सांसद ने कहा कि वह राज्य के और अपने क्षेत्र पटना साहिब के विकास के एजेंडे पर कुमार के साथ चर्चा करने गए थे।
उन्होंने कहा, 'मुलाकात में कोई राजनीति नहीं देखी जानी चाहिए। यह जगज़ाहिर है कि हम पुराने दोस्त हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने आज कहा कि राजनीति में कोई छूआछूत नहीं होना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'यदि मैं जाता हूं और कुमार से चाय पर मिलता हूं तो इसका कोई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।'
यह पूछे जाने पर कि क्या कुमार के साथ उनकी मुलाकात अपनी पार्टी के प्रति नाराजगी है, सिन्हा ने कहा कि उन्हें पटना में पहले प्रधानमंत्री से मिलने के लिए बुलाया गया था, जहां मैं ड्यूटी के रूप में बखूबी शामिल हुआ। यह पूछे जाने पर कि मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री की रैली में वह क्यों नहीं दिखें, उन्होंने जवाब दिया, 'मुझे वहां का न्योता नहीं मिला था और इसलिए मैं नहीं गया।' सिन्हा ने कहा, 'मैं पूरी तरह से पार्टी के साथ हूं और मैं ऐसा करने की कभी नहीं सोच सकता, जिससे पार्टी की छवि खराब होती हो।'
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पटना में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा पार्टी के प्रचार के लिए 250 हाईटेक कैंपेन रथों को हरी झंडी दिखाए जाने के कार्यक्रम में वह नहीं दिखे थे।
वहीं, बीते अप्रैल माह में पटना में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैली के दौरान उनकी नाराज़गी साफ देखी गई थी। इस रैली के लिए पटना साहिब से बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को न्यौता देरी से दिया गया था, जिसके बाद सिन्हा नाराज़ होकर दिल्ली चले गए थे।
इससे पूर्व दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के लिए पार्टी की ओर से प्रचार के लिए उतारे गए शत्रुघ्न सिन्हा ने साफ कह डाला था कि "अगर 'आप' के बारे में सवाल किए जा रहे हैं, तो इसका मतलब है 'आप' की ताकत दिख रही है... मुंबइया स्टाइल में कहूं तो 'आप' का बूमा-बूम हो रहा है... 'आप' की पकड़ दिखाई दे रही है।"
बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पूर्व बिहारी बाबू और नीतीश की यह मुलाकात सियासी मायनों में काफी अहम भी मानी जा रही है। दरअसल, शत्रुघ्न सिन्हा पिछले लंबे समय से पार्टी से नाराज़ भी दिख रहे हैं और ऐसे में उनका विपक्षी पार्टी के सीएम से मिलना कई राजनीतिक कयासों को भी जन्म देता है।
हालांकि सिन्हा ने इस मुलाकात को तवज्जो नहीं दी। सिन्हा ने बताया, 'यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी और मैं उन्हें राज्य का अभिभावक मानता हूं।' भाजपा सांसद ने कहा कि वह राज्य के और अपने क्षेत्र पटना साहिब के विकास के एजेंडे पर कुमार के साथ चर्चा करने गए थे।
उन्होंने कहा, 'मुलाकात में कोई राजनीति नहीं देखी जानी चाहिए। यह जगज़ाहिर है कि हम पुराने दोस्त हैं और एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री ने आज कहा कि राजनीति में कोई छूआछूत नहीं होना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'यदि मैं जाता हूं और कुमार से चाय पर मिलता हूं तो इसका कोई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।'
यह पूछे जाने पर कि क्या कुमार के साथ उनकी मुलाकात अपनी पार्टी के प्रति नाराजगी है, सिन्हा ने कहा कि उन्हें पटना में पहले प्रधानमंत्री से मिलने के लिए बुलाया गया था, जहां मैं ड्यूटी के रूप में बखूबी शामिल हुआ। यह पूछे जाने पर कि मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री की रैली में वह क्यों नहीं दिखें, उन्होंने जवाब दिया, 'मुझे वहां का न्योता नहीं मिला था और इसलिए मैं नहीं गया।' सिन्हा ने कहा, 'मैं पूरी तरह से पार्टी के साथ हूं और मैं ऐसा करने की कभी नहीं सोच सकता, जिससे पार्टी की छवि खराब होती हो।'
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पटना में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा पार्टी के प्रचार के लिए 250 हाईटेक कैंपेन रथों को हरी झंडी दिखाए जाने के कार्यक्रम में वह नहीं दिखे थे।
वहीं, बीते अप्रैल माह में पटना में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैली के दौरान उनकी नाराज़गी साफ देखी गई थी। इस रैली के लिए पटना साहिब से बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को न्यौता देरी से दिया गया था, जिसके बाद सिन्हा नाराज़ होकर दिल्ली चले गए थे।
इससे पूर्व दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 के लिए पार्टी की ओर से प्रचार के लिए उतारे गए शत्रुघ्न सिन्हा ने साफ कह डाला था कि "अगर 'आप' के बारे में सवाल किए जा रहे हैं, तो इसका मतलब है 'आप' की ताकत दिख रही है... मुंबइया स्टाइल में कहूं तो 'आप' का बूमा-बूम हो रहा है... 'आप' की पकड़ दिखाई दे रही है।"
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