भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुंबई में एक रैली को संबोधित करते हुए कश्मीर का भारत में ‘एकीकरण नहीं करने' को लेकर नेहरू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर नेहरू ने बेवक्त पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की घोषणा नहीं की होती तो ‘पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर' अस्तित्व में नहीं आता. नेहरू की जगह सरदार पटेल को कश्मीर का मुद्दा अपने हाथ में लेना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस दोबारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे. पिछले 2-3 दिन से कांग्रेस और एनसीपी वाले कहते हैं कि ये नहीं हुआ तो जीत जाएंगे, वो नहीं हुआ तो जीत जाएंगे. मैं कहना चाहता हूं कि कुछ भी हो जाए महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार तीन चौथाई बहुमत के साथ बनाना तय है.
शाह ने कहा, 'हम अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के लिए समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं. जब से अनुच्छेद 370 और 35ए अस्तित्व में आई तब से जनसंघ और भाजपा ने इसका विरोध किया है. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर गए, उस समय वहां जाने के लिए परमिट की जरुरत पड़ती थी, लेकिन वो बिना परमिट के गए, उन्हें शेख अब्दुल्ला द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और वहीं संदिग्ध परिस्थितयों में उनकी मृत्यु हो गई.
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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'राहुल बाबा तो आजकल आए हैं राजनीति में. हमारी 3-3 पीढ़ियां कश्मीर के लिए अपना बलिदान देने से कभी पीछे नहीं हटी. कांग्रेस को इसमें राजनीति दिखाई देती है और हमें इसमें देशभक्ति दिखती है. कश्मीर को भारत में मिलाने का मसला जवाहल लाल नेहरू ने खुद संभाला था. सरदार पटेल ने जिन भी रियासतों को भारत में शामिल करने का जिम्मा अपने हाथ में लिया, उन सभी में सफलता प्राप्त की. एक ही मामला नेहरू जी के हाथ में था, उसे भी वो पूरा नहीं कर पाए.
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 के कारण देश में आतंकवाद आया, इसने पाकिस्तान को अलगाववाद भड़काने का साधन दिया. इसके बाद ही कश्मीर से कश्मीरी पंडितों, सूफी-संतों को निकाल दिया गया. अनुच्छेद 370 के कारण आतंकवाद चरम पर पहुंचा और अब तक 370 के कारण करीब 40,000 लोग मारे गए हैं, और कांग्रेस पूछती है कि 370 को क्यों हटाया गया. मोदी जी ने 370 और 35 A को हटाया है, अब अपना ये मुकुटमणि कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होकर विकास के रास्ते पर चल पड़ेगा, मैं ये विश्वास महाराष्ट्र की जनता को दिलाता हूं.
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साथ ही उन्होंने कहा, 370 हटने के बाद जनता शांति से अपना जीवन व्यापन कर रही है, 99 फीसदी लैंडलाइन खुल गए हैं, सब जगह से कर्फ्यू हट गया है, व्यापार चालू है. सभी विपक्षी कान खोलकर सुन लें कि कश्मीर में कोई अशांति नहीं है. जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार बंद हो जाता इसलिए वहां के तीन परिवारों ने 370 को संभालकर रखा. अब कश्मीर से 370 हटने के बाद वहां से परिवारवादी पार्टियों का सफाया होने वाला है.
महाराष्ट्र चुनाव पर उन्होंने कहा कि चुनाव में दो तरह की पार्टियां चुनाव के मैदान में हैं. एक ओर भारत मां को अपना सर्वस्व मानने वाली पार्टी भाजपा है. दूसरी ओर अपने परिवारों को अपना सर्वस्व मानने वाली कांग्रेस और एनसीपी है. महाराष्ट्र की जनता को तय करना है कि उन्हें राष्ट्रवादी पार्टी के साथ जाना है या परिवारवादी पार्टियों के साथ जाना है.
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