जयशंकर, राजनाथ की ईरान यात्रा के दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई : विदेश मंत्रालय 

विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हाल की ईरान यात्रा के दौरान उनके समकक्षों के साथ कनेक्टिविटी सहित सभी द्विपक्षीय और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई.

जयशंकर, राजनाथ की ईरान यात्रा के दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई : विदेश मंत्रालय 

भारत और ईरान के बीच हुयी वार्ता

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हाल की ईरान यात्रा के दौरान उनके समकक्षों के साथ कनेक्टिविटी सहित सभी द्विपक्षीय और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. रूस जाते समय विदेश मंत्री एस जयशंकर कुछ समय के लिये तेहरान में रूके और उन्होंने अपने ईरानी समकक्ष जावेद जरीफ के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय घटनाक्रमों के विविध आयामों पर चर्चा की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शनिवार को रूस से लौटते समय तेहरान में रूके और अपने ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल आमिर हातमी के साथ उन्होंने चर्चा की. 

दोनों मंत्रियों की ईरान यात्रा के बारे में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इन बैठकों में कनेक्टिविटी सहित द्विपक्षीय, क्षेत्रीय महत्व के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘‘खास तौर पर चाबहार परियोजना के बारे में दोनों पक्षों से माना कि चाबहार में यातायात बढ़ा है और बंदरगाह के जरिये माल की ढुलाई में भी वृद्धि देखने को मिली है.''  हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े पीएनबी घोटाला मामले में ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण मामले में जारी सुनवाई के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले की सुनवाई सात सितंबर को शुरू हुई और यह 11 सितंबर तक जारी रहेगी.

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उन्होंने कहा, ‘‘ अभियोजन पक्ष ने नीरव मोदी के खिलाफ मामला पेश किया है. इसमें आपराधिक साजिश, साक्ष्य मिटाने जैसे कई आयाम शामिल हैं.''  विजय माल्या के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस वर्ष मई में उच्चतम न्यायालय में उसका अपील संबंधी एक आवेदन खारिज हो गया है और इसके बाद से हम ब्रिटेन के साथ सम्पर्क में है ताकि उसका जल्द भारत प्रत्यर्पण हो सके. पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव मामले में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम विभिन्न राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान के सम्पर्क में हैं. हमने पहले भी कहा है कि पाकिस्तान को कुछ बुनियादी मुद्दों का समाधान करने की जरूरत है जिसमें बिना शर्त और बेरोकटोक राजनयिक पहुंच प्रदान करना, बुनियादी दस्तावेज उपलब्ध कराना और भारतीय वकील की नियुक्ति सुनिश्चित करना शामिल है.''



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