यह ख़बर 03 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बिहार के गांव में लड़कियों को मोबाइल न रखने का फरमान

खास बातें

  • बिहार के मुस्लिम बहुल किशनगंज जिले की एक पंचायत ने लड़कियों को मोबाइल फोन नहीं रखने तथा विवाहिता महिलाओं को घर के अंदर ही मोबाइल से बात करने का फरमान सुनाया है।
पटना:

बिहार के मुस्लिम बहुल किशनगंज जिले की एक पंचायत ने लड़कियों को मोबाइल फोन नहीं रखने तथा विवाहिता महिलाओं को घर के अंदर ही मोबाइल से बात करने का फरमान सुनाया है। पंचायत ने फरमान नहीं मानने पर आर्थिक जुर्माना लगाने का भी निर्णय लिया है।

कोचाधामन प्रखंड की सुंदरबाड़ी पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने रविवार को बैठक कर सामाजिक सलाह समिति का गठन किया और उसे फैसले पर अमल कराने का दायित्व सौंपा। समिति के एक सदस्य ने बताया कि बैठक में लड़कियों को मोबाइल नहीं रखने के लिए कहा गया है। यदि किसी लड़की को मोबाइल फोन से बात करते पाया जाता है तो उसे 10,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा।

उन्होंने बताया कि विवाहित महिलाओं को भी घर से बाहर मोबाइल से बात करने पर पाबंदी लगाई गई है, जबकि उन्हें घर के अंदर मोबाइल से बात करने की अनुमति दी गई है। यदि विवाहित महिलाएं फरमान नहीं मानती हैं तो उन पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। किसी लड़की के पास मोबाइल रखने की भी मनाही है।

बैठक की अध्यक्षता करने वाले ग्रामीण मंजूर आलम ने बताया कि मोबाइल के कारण लड़कियों में स्वच्छंदता की भावना आती है। खासकर विद्यालय और कॉलेज की लड़कियां मोबाइल से काफी प्रभावित होती हैं। इसके कारण प्रेम-प्रसंग के भी मामलों में भी वृद्धि हुई है। मोबाइल फोन के कारण समाज पर बुरा असर पड़ रहा है।

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कोचाधामन प्रखंड के प्रखंड विकास अधिकारी संजय कुमार और थाना प्रभारी चितरंजन कुमार ने हालांकि ऐसी किसी भी पाबंदी से इनकार किया है। दोनों अधिकारियों ने कहा कि यदि ऐसी कोई पाबंदी लगाई गई है तो यह कानून के खिलाफ है। पूरे मामले की छानबीन की जाएगी और यदि इसमें कोई संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।