कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक (Farm Bills) को लेकर विपक्ष की संसद में विरोध प्रदर्शन की तैयारी में है. विपक्षी दल लगातार विधेयक को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी किसान बिल के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है.
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, "NDA सरकार ने अन्नदाताओं को अपने फण्डदाताओं की कठपुतली बना दिया है. जितनी हड़बड़ी में किसान बिल पास करवाया गया है इससे जाहिर होता है कि इसमें कुछ गड़बड़ी है. इस सरकार को किसान की शान और किसान की जान की रत्ती भर भी परवाह नहीं है."
NDA सरकार ने अन्नदाताओं को अपने फण्डदाताओं की कठपुतली बना दिया है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 22, 2020
जितनी हड़बड़ी में किसान बिल पास करवाया गया है इससे जाहिर होता है कि इसमें कुछ गड़बड़ी है।
इस सरकार को किसान की शान और किसान की जान की रत्ती भर भी परवाह नहीं है। pic.twitter.com/4BUZd0MxxW
वहीं, आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा, "किसान और गरीब विरोधी नीतीश-भाजपा ने बिहार में 2006 में APMC बंद कर दिया था. उसका दुष्परिणाम यह हुआ कि तब से बिहार सरकार के कुल खाद्यान्न लक्ष्य का 1% भी कभी MSP पर नहीं खरीदा गया. इससे ग़रीबी बढ़ी और यह पलायन का मुख्य कारण बना. आज हर दूसरा परिवार पलायन करता है."
किसान और गरीब विरोधी नीतीश-भाजपा ने बिहार में 2006 में APMC बंद कर दिया था। उसका दुष्परिणाम यह हुआ कि तब से बिहार सरकार के कुल खाद्यान्न लक्ष्य का 1% भी कभी MSP पर नहीं खरीदा गया।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 21, 2020
इससे ग़रीबी बढ़ी और यह पलायन का मुख्य कारण बना। आज हर दूसरा परिवार पलायन करता है।
बता दें कि विपक्ष ने राज्यसभा से सोमवार को निलंबित किए गए आठ सांसदों के निलंबन को वापस लेने की गुज़ारिश के साथ राज्यसभा का बहिष्कार करने को लेकर ऐलान किया है. नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को इन निलंबित सांसदों से मुलाकात की और इसके बाद अपनी मांगें सामने रखीं. उन्होंने कहा कि 'हमने राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं.
कांग्रेस ने रखी तीन मांगें
पहली मांग है कि सरकार एक नया बिल लाए जिसमें यह बात सुनिश्चित की जाए कि कोई भी प्राइवेट कंपनी MSP के नीचे किसानों से कोई उपज नहीं खरीद सकती हैं. हमारी दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन फार्मूला के तहत MSP देश में तय हो. हमारी तीसरी मांग है कि भारत सरकार राज्य सरकार या फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यह सुनिश्चित करें कि किसानों से निर्धारित MSP की रेट पर ही है उनकी उपज खरीदी जाए. जब तक यह तीनों मांगें नहीं मानी जातीं हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे.'
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