मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा - हम काम करते हैं, प्रचार करने में सक्षम नहीं हैं

कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन के बाद शायद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मात्र मुख्यमंत्री होंगे जिन्होंने एक बार भी प्रेस या टीवी के साथ या फंसे प्रवासी लोगों के साथ संवाद नहीं किया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा - हम काम करते हैं, प्रचार करने में सक्षम नहीं हैं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना:

कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन के बाद शायद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मात्र मुख्यमंत्री होंगे जिन्होंने एक बार भी प्रेस या टीवी के साथ या फंसे प्रवासी लोगों के साथ संवाद नहीं किया. लेकिन नीतीश कुमार को इस बात का ज़रूर मलाल हैं कि हमलोगों का पब्लिसिटी होता ही नहीं और यहां छपता हैं बाहर छपता नहीं. नीतीश कुमार शुक्रवार को पर्यावरण दिवस पर एक वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे. जहां उन्होंने अपने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए पल्स पोलियो और फिर पर्यावरण पर शुरू किये गये जल, जीवन, हरियाली कार्यक्रम का ज़िक्र कर रहे थे . नीतीश ने कहा कि जब उन्होंने बिल गेट्स को इस कार्यक्रम के बारे में बताया तो उन्होंने दिल्ली में जाकर एक इंटर्व्यू में कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री पर्यावरण संरक्षण को ले के इतने सजग हैं.

उन्होंने गांधी शताब्दी समारोह के सिलसिले में कार्यक्रम के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस बात को दर्ज कराया गया है कि गांधी के संदेशों को डेढ़ करोड़ घर तक पहुंचाया गया. लेकिन नीतीश ने फिर कहा कि हम प्रचार करने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने वादा किया कि बिहार में एक दिन में ढाई करोड़ पेड़ लगाकर फिर एक नया रिकॉर्ड बनाया जायेगा. 

इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व पर्यावरण सचिव सी.के. मिश्रा भी मौजूद थे और जब नीतीश कुमार ने उन्हें बिहार में अपने कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के रूप में दो बार सूचित किया तो एक अधिकारी द्वारा रोके जाने पर उन्होंने कहा कि अब तो वो अधिकारी नहीं रहे अब तो मंत्री वो बन ही सकते हैं फिर अपने भाषण के अंत में सी.के. मिश्रा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब तो आपकी सेवा यही चाहेंगे कीजियेगा या नहीं कीजिएगा ये तो आपकी मर्ज़ी पर है लेकिन आप लोगों को अपने राज्यों को बेहतर बनाने में सहयोग करना चाहिए.

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VIDEO: छवि बचाने में जुटे नीतीश