नीतीश कुमार अपने उम्मीदवारों की सूची से खुश क्यों हैं?

Bihar Election 2020: जनता दल यूनाइटेड का दावा- उम्मीदवारों की सूची में सभी जातियों, सभी पक्षों और खासकर महिलाओं का ध्यान रखा गया

नीतीश कुमार अपने उम्मीदवारों की सूची से खुश क्यों हैं?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो).

पटना:

Bihar Election 2020: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हर मामले में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपने सहयोगियों और विरोधियों पर बीस दिख रहे हैं. नीतीश जितने चुस्त दुरुस्त तरीक़े से मीडिया के सामने इस बार चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद अपनी बातों को रख रहे हैं उस तुलना में उनका सहयोगी दल भाजपा (BJP) हो या विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (RJD), सबकी तैयारी उन्नीस दिख रही है. बुधवार की शाम को जनता दल यूनाइटेड द्वारा एक साथ अपने 115 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई. इसे जारी करने के दौरान संवाददाता सम्मेलन में पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दावा किया कि इसमें सभी जातियों, सभी पक्षों और खासकर महिलाओं का ध्यान रखा गया है. उनके अनुसार सभी वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के आधार पर टिकट दिए गए हैं.

पार्टी के नेताओं की मानें तो 115 उम्मीदवारों में सर्वाधिक टिकट महिलाओं को इस बार दिए गए है .पार्टी ने 22 महिलाओं को इस चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. जहां तक जातियों को प्रतिनिधित्व देने का सवाल है तो जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर अनुसूचित जाति यानी की दलित वर्ग से 17 उम्मीदवार होंगे. वहीं जनजाति यानी कि आदिवासी वर्ग से एक उम्मीदवार होगा. इसके अलावा पार्टी का जो मुख्य आधारभूत वोट है, मतलब गैर यादव पिछड़ा, उसमें कुशवाहा जाति के 15 उम्मीदवार हैं. वहीं कुर्मी जाति के बारह, धानुक जाति से आठ उम्मीदवार हैं. पिछड़े वर्ग में भी सर्वाधिक यादव जाति के18 उम्मीदवारों को इस बार टिकट दिए गए हैं. इसके अलावा 19 अति पिछड़ा समुदाय से उम्मीदवार बनाए गए हैं. वैश्य जाति के तीन उम्मीदवार हैं. वहीं अगड़ी जातियों में राजपूत जाति के सात  उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है और दो ब्राह्मण जाति से हैं. भूमिहार जाति से दस लोगों को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा पार्टी ने मुस्लिम वर्ग के 11 लोगों को भी इस बार टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है.

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निश्चित रूप से पार्टी नेताओं का कहना है कि इससे संतुलित सूची नहीं हो सकती है. हालांकि उनका कहना है कि सहयोगियों की भी सूची आने के बाद जातिगत आधार पर और सामाजिक संतुलन के हिसाब से एनडीए की सूची सबसे ठीक रहेगी.