देश के कई राज्यों में आज आदिवासी समूहों (Dalit) ने भारत बंद का आह्वान किया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदिवासियों और वनवासियों को उनके आवास से बेदखल करने के फैसले से राहत देने के हालिया आदेश के बावजूद आदिवासी समूहों ने मंगलवार को भारत बंद (Bharat Bandh) के फैसले पर कायम रहने का निर्णय किया है. आदिवासी इस राहत को फौरी मान रहे हैं और उनका मानना है कि वन अधिकार अधिनियम के तहत उचित कानून की गैरमौजूदगी में इसे कभी भी पलट दिया जाएगा. आदिवासी समूह यह मांग का रहे हैं कि केंद्र उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए अध्यादेश लाए. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी भारत बंद का समर्थन करेंगे. इसके अलावा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिन) ने भी भारत बंद के समर्थन का निर्णय लिया है. बता दें कि भारत बंद की प्रमुख मांगों में उच्च शिक्षण संस्थानों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने, शैक्षणिक व सामाजिक रूप से भेदभाव, वंचना व बहिष्करण का सामना नहीं करने वाले सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रद्द करने, आरक्षण की अवधारणा बदलकर संविधान पर हमले बंद करने, देश भर में 24 लाख खाली पदों को भरने, लगभग 20 लाख आदिवासी परिवारों को वनभूमि से बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह निरस्त करने के लिए अध्यादेश लाने, पिछले साल 2 अप्रैल के भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों पर दर्ज मुकदमे व रासुका हटा कर उन्हें रिहा करने आदि मांगें शामिल हैं.
Bharat Bandh UPDATES
हमारे आदिवासी और दलित भाई-बहन संकट में हैं|
- Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 5, 2019
प्रधामंत्री की झूठी क़समों और झूठे वादों ने आज उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है।
उनके जंगल और जीवन के अधिकार पर निरंतर हमला हुआ है| वन अधिकार छीने जाने से।संवैधानिक आरक्षण में छेड़छाड़ से|
मैं पूरी तरह से उनके साथ हूँ| https://t.co/X7uQVYZEHM
Union HRD Minister Prakash Javadekar: We have a system of 200 point roster where university is regarded as one unit but the court decided against it & directed for departmental roster. We never agreed to this position so, we filed a review petition that also stands dismissed now. pic.twitter.com/yoCEbwlru4
- ANI (@ANI) March 5, 2019
Union HRD Minister Prakash Javadekar: We are in favour of 200 point roster & we are going to give it. Only wait for last Cabinet meeting & two more days and university community will get justice. I am very sure because Modi govt stands for social justice. https://t.co/a7AHCOmqlh
- ANI (@ANI) March 5, 2019
नीतीश जी पिछड़ों और पासवान जी दलितों के नाम पर कलंकित राजनीति कर रहे है। BJP ने विश्वविद्यालयों में वंचितो का आरक्षण समाप्त कर दिया।जातिगत जनगणना के आँकड़े छिपा लिए। निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू नहीं किया। और ये दोनों जातिवादी संगठन RSS का कीर्तन कर रहे है।#5MarchBharatBandh
- Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 4, 2019
मोदी जी द्वारा 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत दलितों-पिछड़ों की उच्च शिक्षा में नौकरियाँ समाप्त करने पर रामबिलास पासवान जी प्रधानमंत्री को साधुवाद देकर कह रहे है कि दलितों का आरक्षण समाप्त करके मोदी जी ने 56 नहीं "156" इंच का सीना दिखाया है। वाह चाचा! इतनी चमचई! #5MarchBharatBandh
- Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 4, 2019
जबतक पासवान जी और नीतीश जी जैसे लोग RSS के पालने में खेलते रहेंगे तबतक संविधान की जगह मनुस्मृति मानने वाले लोग दलितों-पिछड़ों के आरक्षण की सरेआम धज्जियाँ उड़ाते रहेंगे। BJP दिनदहाड़े वंचितो की नौकरियाँ और आरक्षण समाप्त कर रही है और ये उनका गुणगान कर रहे है। #5MarchBharatBandh
- Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 4, 2019
Modi government's decision to abolish 13 point roster & approval of 10% quota to the EWS in the General category is not in line with the principle of affirmative action in the Constitution. RSS is hell bent on scrapping the reservation of SC/ST & OBCs. #5MarchBharatBandh pic.twitter.com/ItKlnpYBaG
- Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 4, 2019