19-वर्षीय थमराज चेलवन पिछले तीन दिन से कोमा में है, और उसकी हालत नाज़ुक बनी हुई है। बीएससी नर्सिंग के पहले सेमेस्टर के छात्र चेलवन ने अपने हॉस्टल के कमरे में खुदकुशी करने की कोशिश की थी, जिसके बाद उसके एक दोस्त की सूचना पर उसे बेंगलुरू के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
चेलवन के पिता और तमिलनाडु पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थिरुमुरगन का आरोप है कि उनके बेटे को हॉस्टल में रहने वाले चार-पांच लड़के रुपयों के लिए लगातार परेशान करते थे, और इस वजह से चेलवन अपने पिता से रुपयों की मांग किया करता था। इस बार भी उसके हॉस्टल के उन्हीं लड़कों ने कहा था कि या उन्हें तीन हज़ार रुपये दे, वरना वह खुदकुशी कर ले, इसलिए उनके बेटे ने खुदकुशी की कोशिश की।
हालांकि बेंगलुरू पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (विधि-व्यवस्था) आलोक कुमार ने बताया कि अभी रैगिंग से जुड़ी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, क्योंकि पीड़ित लड़के का बयान लिया जाना बाकी है। फिलहाल आईपीसी की धारा 504 और 506 के तहत आपराधिक मंशा से हमला करने और अशांति फैलाने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है। चेलवन के होश में आने पर उसका बयान दर्ज किया जाएगा, और फिर आगे की जांच की दिशा भी तय होगी।
वैसे, चेलवन के पिता कॉलेज प्रशासन के रवैये से भी नाराज़ हैं, क्योंकि उनके मुताबिक, सहानुभूति जताने के स्थान पर कॉलेज मैनेजमेंट ने जवाब दिया था कि तुम्हारे बेटे ने खुदकुशी की कोशिश की है, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं।
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